अफसरों ने किया निरीक्षण, बेनकाब हुआ गेहूं का अवैध भंडारण और संचरण
मंडी के व्यापारी भारत सरकार के पोर्टल पर अपडेट नहीं कर रहे थे स्टॉक
खाद्य एवं रसद विभाग के अफसरों ने व्यापरियों के स्टॉक और अभिलेखों का किया निरीक्षण
अफसर गेहूं की आवक के असलियत की ले रहे हैं टोह
दो फर्मों पर अनियमितता मिली की गई कार्रवाई की संस्तुति, पोर्टल पर स्टॉक अपडेट न करना पड़ा भारी
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News :

गोण्डा। रबी विपणन वर्ष 2025-26 के तहत गेहूं खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ी के गंभीर मामले सामने आए हैं। जिला खाद्य विपणन अधिकारी प्रज्ञा मिश्रा और अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार के निर्देशन में गोण्डा मण्डी क्षेत्र की दो फर्मों के निरीक्षण में अनियमितताएं उजागर हुई हैं। इन फर्मों द्वारा भारत सरकार के पोर्टल पर स्टॉक अपडेट नहीं किया गया था, जिससे अवैध भंडारण और संभावित कालाबाजारी की आशंका गहराती जा रही है।
खाद्य एवं रसद विभाग की टीम ने 26 अप्रैल को फर्म मुरारीलाल मनोज कुमार का निरीक्षण किया, जहां स्टॉक रजिस्टर तक उपलब्ध नहीं था। फर्म पोर्टल पर स्टॉक विवरण दर्ज नहीं कर पाई, जिससे मौके पर भौतिक सत्यापन संभव नहीं हो सका। मामले को गंभीर मानते हुए क्षेत्रीय विपणन अधिकारी ने नियमानुसार कार्रवाई की संस्तुति की है।
इसके बाद 1 मई को फर्म एसएस इंटरप्राइजेज के निरीक्षण में पोर्टल पर 134.50 क्विंटल गेहूं दिखाया गया, जबकि मौके पर लगभग 330 क्विंटल गेहूं मौजूद मिला। इस अतिरिक्त स्टॉक के लिए कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जा सका। साथ ही, फर्म का पंजीकरण भी भारत सरकार के पोर्टल पर नहीं पाया गया।
इन अनियमितताओं पर जिला प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लेते हुए मण्डी समिति सचिव को दोनों मामलों में नियमानुसार कार्रवाई कर दो दिन के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार ने चेतावनी दी है कि इस प्रकार की लापरवाही भविष्य में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डिप्टी आरएमओ प्रज्ञा मिश्रा ने बताया कि गेहूं की आवक आखिर किधर की ओर है इसकी टोह ली जा रही है। अनियमितता मिलने पर मंडी सचिव को कार्रवाई की संस्तुति की गई है।

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