सहायता प्राप्त जूनियर स्कूलों की शुरू हुई ऑडिट
वेतन भुगतान की फाइलों को खंगाल रही हैं टीमें
लेखा कार्यालय में मचा हड़कंप

गोण्डा।
जिले के सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की फर्जी नियुक्तियों व वेतन भुगतान के मामले ने अब गंभीर रूप ले लिया है। बेसिक शिक्षा निदेशक के निर्देश पर प्रयागराज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय के वित्त नियंत्रक ने गोण्डा जिले में ऑडिट शुरू कर दी है। सोमवार को ऑडिट टीम के पहुंचते ही लेखा कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई।

बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी ने ऑडिट संबंधी पत्र प्राप्त होने की पुष्टि करते हुए बताया कि ऑडिट टीम को सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे। निदेशालय द्वारा स्पष्ट किया गया है कि सहयोग न करने की स्थिति में संबंधित अभिलेख जब्त किए जा सकते हैं। वित्त नियंत्रक ने तीन सदस्यीय टीम गठित की है, जिसमें वरिष्ठ लेखा परीक्षक एनके मीना देवी, श्याम बाबू और पर्यवेक्षक अधिकारी के रूप में वरिष्ठ वित्त एवं लेखा अधिकारी पायल सिंह को नामित किया गया है। टीम तीन दिन 26 से 28 मई तक जिले में ऑडिट करेगी। जांच के दायरे में आए मामलों में यह सामने आया है कि कई सहायता प्राप्त स्कूलों में नियुक्तियां नियमों को दरकिनार कर की गईं। वित्त एवं लेखा अधिकारी सिद्धार्थ दीक्षित और कनिष्ठ लिपिक अनुपम पांडेय पर फर्जी वेतन भुगतान का गंभीर आरोप है। यह भी संदेह जताया जा रहा है कि कुछ नियुक्तियां ही फर्जी हैं, जिनके जरिए वर्षों से वेतन निकाला जा रहा है। डायरेक्टर स्तर से सख्ती
बेसिक शिक्षा निदेशक ने 12 अप्रैल को भेजे गए पत्र में गोण्डा जिले के वित्त व लेखा कार्यालय द्वारा किए जा रहे संभावित फर्जीवाड़े की जानकारी दी थी, जिसके बाद उच्च स्तरीय संज्ञान लेते हुए ऑडिट का आदेश जारी हुआ। फिलहाल जिले भर के सहायता प्राप्त स्कूलों में हड़कंप मचा है और संबंधित अधिकारी दस्तावेजों को लेकर हलकान नजर आ रहे हैं। मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है। जांच आगे बढ़ने पर कई और स्कूल और अधिकारी इस जद में आ सकते हैं। अब देखना यह है कि ऑडिट के बाद कौन-कौन शिकंजे में आता है।

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