प्रधानमंत्री आवास योजना में हुआ था फर्जीवाड़ा जांच में उजागर: मिलीभगत में 17 पर एफआईआर, अपात्रों को दी गई थी ₹6.80 लाख की राशि
पुराने प्रकरण की जांच में सामने आया भ्रष्टाचार, डीएम के निर्देश पर कार्रवाई
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोंडा, 16 जून 2025।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत गोंडा जनपद की ग्राम पंचायत दरियापुर हरदोपट्टी में सामने आए वित्तीय अनियमितता के प्रकरण में प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। जांच में फर्जीवाड़ा साबित होने पर 15 अपात्र लाभार्थियों सहित तत्कालीन ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
यह मामला वर्षों पुराना है, जो वर्ष 2018-19, 2020-21 और 2021-22 की आवास स्वीकृतियों से जुड़ा है। शिकायत के आधार पर खंड विकास अधिकारी पंडरी कृपाल और जिला विकास अधिकारी की जांच रिपोर्ट के बाद ग्राम पंचायत अधिकारी सरिता शुक्ला ने थाना इटियाथोक में तहरीर दी।
तहरीर के अनुसार, अपात्र लाभार्थियों को ₹6.80 लाख की राशि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्थानांतरित की गई थी। इनमें कई ने धनराशि लेने के बाद आवास निर्माण शुरू नहीं किया, जबकि एक लाभार्थी ने पूरी धनराशि लेने के बावजूद मकान नहीं बनवाया।
जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि यह फर्जीवाड़ा ग्राम पंचायत स्तर पर योजनाबद्ध तरीके से किया गया, जिसमें तत्कालीन प्रधान और सचिव की मिलीभगत पाई गई।
एफआईआर में शामिल नाम इस प्रकार हैं:
- श्यामपता
- लक्ष्मी देवी
- अनीता
- ममता देवी
- सुरेश कुमार
- शानपती
- गुलशन बानो
- सरोजनी देवी
- जगदम्बा प्रसाद
- रमेश कुमार
- सुमन
- पवन कुमार
- रामसरन
- राजकुमारी
- विद्याधर (को ₹1.20 लाख की धनराशि दी गई थी)
- उषा देवी (तत्कालीन प्रधान)
- अजीत गुप्ता (तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी)
इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है।
प्रशासन ने दिया सख्त संदेश
जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई को शासन की भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का उदाहरण माना जा रहा है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जनकल्याणकारी योजनाओं में अनियमितता या गड़बड़ी पाए जाने पर अन्य मामलों में भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।



