नकली नोटों की फैक्ट्री का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार
बढ़ईपुरवा व रामघाट में पुलिस की छापेमारी, बड़ी मात्रा में नकली करेंसी व उपकरण बरामद
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता।
Gonda News
नवाबगंज के बढ़ईपुरवा और अयोध्या के रामघाट क्षेत्र में नकली नोट छापने के गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने छापेमारी कर नकली करेंसी के साथ दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपित किराये के मकान में लंबे समय से भारतीय मुद्रा की नकल तैयार कर बाजार में खपा रहे थे। उनके पास से नकली नोट, अर्द्धनिर्मित करेंसी और नोट बनाने की सामग्री बरामद हुई है।
एसपी विनीत जायसवाल के निर्देश पर हुई कार्रवाई में नवाबगंज थाना क्षेत्र के बढ़ईपुरवा निवासी अर्जुन गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर अयोध्या के रामघाट स्टेशन के पास स्थित एक निर्माणाधीन मकान से तुलसीपुर माझा निवासी विश्वनाथ सिंह को भी पकड़ा गया। पुलिस का कहना है कि दोनों मिलकर नकली नोट तैयार कर ग्रामीण अंचलों में कम पढ़े-लिखे दुकानदारों के जरिए बाजार में चला रहे थे।
इंटरनेट से सीखी नकली नोट छापने की तरकीब
पुलिस जांच में सामने आया है कि दोनों आरोपितों ने इंटरनेट मीडिया के जरिए नकली नोट बनाने की तकनीक सीखी थी। जरूरी सामान जैसे चमकीली पन्नी, थिनर, पेंट व उपकरण ऑनलाइन मंगाए जाते थे। इसके बाद प्रिंटर की मदद से नोट तैयार कर उन्हें सुखाकर काटा जाता था। नकली नोटों को असली की तरह दिखाने के लिए नोटनुमा तार, सांचे और डीकोडिंग पाउडर का इस्तेमाल किया जाता था।
पुलिस को यह सामान मिला
छापेमारी के दौरान पुलिस को सौ रुपये के 32 तैयार नकली नोट, लैपटॉप, दो प्रिंटर, की-बोर्ड, माउस, यूएसबी पोर्ट कनेक्टर, चार सांचे, एक सांचा दबाने की मशीन, तीन प्रकार की चमकीली पन्नी, वाइपर, चार पुड़िया डीकोडिंग पाउडर, दो शीशी थिनर, सफेद पेंट, एक हेयर ड्रायर, नोट काटने की मशीन, टिशुनुमा पेपर और एक तरफ छपे हुए 100, 200 व 500 रुपये के लगभग 40 पेज बरामद हुए हैं।
एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि इस गिरोह का नेटवर्क अन्य जिलों तक फैला हो सकता है। पुलिस टीम इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी गई है।



