ग्राम चौपाल 3.0 में आई शिकायतों पर दिखा डीएम का एक्शन
 डीएम नेहा शर्मा की दो जगहों पर त्वरित कार्रवाई, एफआईआर और ठेकेदार पर कसा शिकंजा
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News

गोंडा, 14 जून 2025:
जनपद गोंडा में भ्रष्टाचार पर डीएम नेहा शर्मा की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति जमीनी हकीकत बन चुकी है। जिलाधिकारी  नेहा शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित ग्राम चौपाल 3.0 एक बार फिर जवाबदेही और पारदर्शिता का प्रत्यक्ष उदाहरण बन गई। दो अलग-अलग मामलों में जहां शासकीय धन के दुरुपयोग पर एफआईआर दर्ज हुई, वहीं एक अन्य प्रकरण में मानकविहीन निर्माण कार्य पर ठेकेदार का कार्यादेश तत्काल निरस्त कर दिया गया।

केस – 1 ग्राम पंचायत पहाड़ापुर: शासकीय धन की बर्बादी पर दर्ज हुई एफआईआर

विकासखंड हलधरमऊ की ग्राम पंचायत पहाड़ापुर में आयोजित चौपाल के दौरान गांव निवासी राजेन्द्र कुमार शुक्ला ने शिकायत की कि वर्ष 2021-22 में ग्राम पंचायत निधि से बनी इंटरलॉकिंग सड़क को राजू पंडित पुत्र माधवराज ने जानबूझकर उखाड़कर उसकी जगह चट्टा डाल दिया, जिससे लगभग 20 मीटर सड़क क्षतिग्रस्त हो गई और शासकीय धन का दुरुपयोग हुआ।

शिकायत पर तत्काल गंभीर रुख अपनाते हुए डीएम नेहा शर्मा ने मौके पर ही एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया। आदेश मिलते ही कटरा बाजार थाने में मामला दर्ज कर लिया गया। ग्राम विकास अधिकारी विवेकानंद द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर स्पष्ट हुआ कि आरोपी द्वारा जानबूझकर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, जो शासन के निर्देशों और ग्राम विकास की मूल भावना के विपरीत है।

डीएम ने चेतावनी दी कि “शासकीय धन और संपत्ति के दुरुपयोग को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

केस – 2 कर्नलगंज में नाले के घटिया निर्माण पर ठेकेदार पर कसा शिकंजा

वहीं दूसरी ओर, कर्नलगंज के मोहल्ला बालकराम पुरवा स्थित कम्पोजिट विद्यालय में आयोजित चौपाल के दौरान नगर पालिका परिषद वार्ड संख्या-11 मौर्य नगर में हो रहे नाले के घटिया निर्माण की शिकायत पर जिलाधिकारी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ठेकेदार का कार्यादेश निरस्त कर दिया।

नगर पालिका की जानकारी के अनुसार यह कार्य मास्टर इंटरप्राइजेज (प्रो. मोहम्मद इबरार) को एल-1 निविदा के तहत स्वीकृत हुआ था, जिसमें सीमेंट-कांक्रीट (CC) से नाला बनना था, लेकिन ठेकेदार ने ईंट से निर्माण शुरू कर दिया। जब अवर अभियंता ने रोकने के बावजूद कार्य शुरू नहीं कराया गया, तो स्थानीय सभासद अंकुर मौर्य द्वारा इस गंभीर लापरवाही की शिकायत डीएम से की गई। जिलाधिकारी द्वारा तत्काल जांच कराई गई, जिसमें मानकों का उल्लंघन और कार्य में लापरवाही की पुष्टि होने पर न केवल कार्यादेश रद्द किया गया बल्कि अधिशासी अधिकारी को विधिक कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया गया। साथ ही, एल-2 निविदादाता ताजुद्दीन कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर को कार्य की जिम्मेदारी सौंपते हुए नया कार्यादेश निर्गत किया गया।

— संवाददाता, गोंडा

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