संविदा कर्मियों को बड़ी राहत: यूपी सरकार ने कार्यकाल बढ़ाया, गोंडा में खुशी की लहर
अब 31 जुलाई 2025 तक बनी रहेगी नौकरी, कर्मियों ने जताई खुशी
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता।
Gonda News :
गोंडा। उत्तर प्रदेश सरकार ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में संविदा पर कार्यरत कर्मियों के कार्यकाल को 31 जुलाई 2025 तक बढ़ाने का ऐलान किया है। सरकार के इस फैसले से गोंडा जिले के 246 संविदा कर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। लंबे समय से कार्यकाल विस्तार की मांग कर रहे कर्मचारियों के लिए यह राहत भरी खबर किसी वरदान से कम नहीं है।
सरकार के फैसले से संविदा कर्मियों में उत्साह
गोंडा जिले में संविदा पर कार्यरत बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ), मुख्य सेविका और लिपिक संवर्ग के कर्मियों को इस निर्णय का सीधा लाभ मिलेगा। सीडीपीओ नंदिनी घोष, रमा सिंह, वंदना, नीतू रावत, मुख्य सेविका साधना साहू, अंकिता श्रीवास्तव, सुमिता, मिताली सिंह, दीपाली सिंह, तृप्ति पांडे, निशी द्विवेदी, सुनीता सिंह और लिपिक लालमन, इकबाल अंसारी समेत सभी संविदा कर्मियों ने इस निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की है।
संविदा कर्मियों का कहना है कि वे लंबे समय से कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे थे, जिसे सरकार ने आखिरकार मान लिया। इससे अब वे बिना किसी असमंजस के अपनी सेवाएं जारी रख सकेंगे।
उत्तर प्रदेश शासन के अनु सचिव अवनीश कुमार सिंह द्वारा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशक को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि सरकार ने इस फैसले को गहन विचार-विमर्श के बाद लिया है। इस निर्णय के पीछे सरकार का उद्देश्य महिला एवं बाल कल्याण योजनाओं को बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से जारी रखना है। जानकारों का कहना है कि इन योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने में संविदा कर्मियों के अनुभव और मेहनत की अहम भूमिका है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उनके कार्यकाल में विस्तार किया है।
भविष्य में स्थायी समाधान की बढ़ी उम्मीद
संविदा कर्मियों का कहना है कि यह फैसला राहत भरा तो है, लेकिन वे सरकार से स्थायी समाधान की भी उम्मीद कर रहे हैं। उनका मानना है कि यदि वे लंबे समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं और सरकार उनके अनुभव को महत्वपूर्ण मान रही है, तो उन्हें स्थायी कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए। इस निर्णय से निश्चित रूप से संविदा कर्मियों का मनोबल बढ़ा है और वे अपनी जिम्मेदारियों को और अधिक ईमानदारी व समर्पण के साथ निभाने के लिए प्रेरित हुए हैं। अब सभी की निगाहें इस पर हैं कि सरकार भविष्य में संविदा कर्मियों को लेकर और क्या ठोस कदम उठाती है।



