कबाड़ से जुगाड़: सोनबरसा स्कूल के बच्चों ने तैयार किया आदर्श गांव का मॉडल
गत्ते, बल्ब और पत्तियों से सजा स्मार्ट गांव, शिक्षकों ने की प्रतिभा की सराहना
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोंडा (मनकापुर)। शिक्षा का असली मकसद सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं होता, जब बच्चे अपनी कल्पनाओं को जमीन पर उतारते हैं, तो न सिर्फ सीखते हैं, बल्कि समाज को दिशा भी देते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है कम्पोजिट विद्यालय सोनबरसा बक्सरा आज्ञाराम के बच्चों ने, जिन्होंने कबाड़ से जुगाड़ कर एक आदर्श गांव का मॉडल तैयार किया है।
यह मॉडल सोमवार को विद्यालय परिसर में प्रस्तुत किया गया। इस रचनात्मक प्रयास में छात्रों ने गत्ता, फेवीकोल, फेवीक्विक, पेंट, पौधों की पत्तियां, बल्ब और तार जैसे घरेलू सामानों का इस्तेमाल करते हुए एक ऐसा गांव रचा, जिसमें आधुनिक जीवन की सभी मूलभूत सुविधाएं मौजूद थीं।
छात्रों ने अस्पताल, पुलिस चौकी, स्कूल, परिवहन साधन, चौड़ी सड़कें, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, राइस मिल, ढाबा, पार्किंग स्थल और हरियाली से युक्त वातावरण को मॉडल में सजीव रूप में दर्शाया। बच्चों की इस पहल में आकाश वर्मा, रामू यादव, मंजीत, प्रमोद, अवनीश और महेंद्र का विशेष योगदान रहा।
इस अभिनव प्रयास का निर्देशन शिक्षक बलजीत सिंह कनौजिया ने किया। मौके पर मौजूद शिक्षकों—आलोक कुमार भारती, शताब्दी वर्मा, अरुण कुमार सिंह, पूनम वर्मा, अमर ज्योति और अनुराधा मिश्रा ने बच्चों की रचनात्मक सोच और सामूहिक प्रयास की खुलकर सराहना की।
यह मॉडल न केवल बच्चों की नवाचार क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह बताता है कि कैसे सीमित संसाधनों के बावजूद रचनात्मकता की कोई सीमा नहीं होती। विद्यालय प्रशासन ने इसे भविष्य की कार्यशालाओं और विज्ञान प्रदर्शनी में प्रस्तुत करने की योजना भी जताई है।



