एलबीएस डिग्री कॉलेज में “स्कोप ऑफ़ क्वांटम टेक्नोलॉजी इन नेचुरल साइंसेज” पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

 

Gonda News

गोंडा, 01 मार्च, 2025। श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज के भौतिक विज्ञान विभाग और आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में “स्कोप ऑफ़ क्वांटम टेक्नोलॉजी इन नेचुरल साइंसेज” विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में चार देशों एवं देश के आठ राज्यों से 103 शोध पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 53 चयनित शोध पत्रों की प्रस्तुति संपन्न हुई। इन शोध पत्रों को ई-बुक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।

प्रथम तकनीकी सत्र: चिकित्सा और जैव तकनीक में क्वांटम टेक्नोलॉजी

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. अरविंद कुमार शर्मा (जंतु विज्ञान विभाग, साकेत कॉलेज, अयोध्या) ने की। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रवींद्र कुमार, संयोजक प्रो. जितेंद्र सिंह, डॉ. अरविंद कुमार शर्मा और डॉ. रेखा शर्मा (सहा. आचार्य, वनस्पति विज्ञान विभाग) ने दीप प्रज्वलन कर सत्र का शुभारंभ किया।

बीएचयू, वाराणसी के सेंटर ऑफ जेनेटिक डिसऑर्डर के अध्यक्ष, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अख्तर अली ने चिकित्सा क्षेत्र में क्वांटम टेक्नोलॉजी की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि “क्वांटम डॉट्स” आनुवंशिक बीमारियों की पहचान में अत्यंत सहायक हैं।

वहीं, वैज्ञानिक डॉ. अरविंद कुमार दूबे ने अमेरिका से ऑनलाइन माध्यम से वानस्पतिक-जैव तकनीक में क्वांटम टेक्नोलॉजी पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। इस सत्र का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शिशिर त्रिपाठी ने किया।

द्वितीय तकनीकी सत्र: क्वांटम और भौतिक विज्ञान के विविध आयाम

इस सत्र की अध्यक्षता प्रो. बी. पी. सिंह (वाणिज्य विभाग) और सह अध्यक्षता प्रो. संजय कुमार पाण्डेय (गणित विभाग) ने की।

  • डॉ. एस. के. मिश्र ने बार्सिलोना, स्पेन से ऑप्टिकल फाइबर और नॉवेल मैटेरियल के सेंसिंग एवं अनुप्रयोग विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया।
  • प्रो. वेंकटेश सिंह (अध्यक्ष, भौतिक विज्ञान विभाग, दक्षिण बिहार गया केंद्रीय विश्वविद्यालय) ने डार्क मैटर की संरचना एवं उसकी विविध स्थितियों पर विस्तृत चर्चा की।
  • सत्र का प्रतिवेदन डॉ. रवि प्रकाश ओझा ने प्रस्तुत किया, जबकि संचालन सम्मेलन के सह संयोजक संतोष कुमार श्रीवास्तव ने किया।
तृतीय तकनीकी सत्र: औषधीय अनुसंधान और क्वांटम टेक्नोलॉजी

इस सत्र की अध्यक्षता प्रो. श्रवण कुमार श्रीवास्तव (वनस्पति विज्ञान विभाग) और सह अध्यक्षता प्रो. राजीव रंजन (एमएलके कॉलेज, बलरामपुर) ने की।

  • डॉ. पी. के. सिंह (अलरिका, स्वीडन) ने चिकित्सकीय औषधियों में क्वांटम टेक्नोलॉजी की भूमिका पर शोध पत्र प्रस्तुत किया।
  • डॉ. धर्मेंद्र प्रताप सिंह (फ्रांस) ने एल-सिस्टीन और लिक्विड क्रिस्टल की सेलेक्टिव ऑप्टिकल सेंसिंग पर शोध पत्र प्रस्तुत किया।
  • होलेन्द्र कुमार तिवारी (किसान महाविद्यालय, बहराइच) ने बताया कि क्वांटम तकनीक आधारित कंप्यूटर ने समय को अधिक गतिशील बना दिया है।

इस सत्र का प्रतिवेदन डॉ. पुनीत कुमार (सहा. आचार्य, रसायन विज्ञान विभाग) ने किया और संचालन आयोजन सचिव संतोष कुमार श्रीवास्तव ने किया।

समापन सत्र: क्वांटम टेक्नोलॉजी के भविष्य की दिशा

समापन सत्र की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. रवींद्र कुमार ने की। इस सत्र में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर के भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एवं वैज्ञानिक प्रो. डी. के. द्विवेदी ने फोटोनिक क्रिस्टल फाइबर आधारित सतहों और बायोसेंसर पर शोध पत्र प्रस्तुत किया।

महाविद्यालय प्रबंध समिति की उपाध्यक्ष वर्षा सिंह और सचिव उमेश शाह ने सम्मेलन की सफलता पर आयोजक मंडल को बधाई दी।

इस दो दिवसीय सम्मेलन में महाविद्यालय के विज्ञान, कला, वाणिज्य, कृषि एवं शिक्षा संकाय के आचार्य, सहाचार्य, सहायक आचार्य, अन्य विश्वविद्यालयों के विद्वान, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

सम्मेलन की रिपोर्टिंग प्रो. जय शंकर तिवारी और डॉ. वंदना भारतीय ने की, जबकि टेक्निकल टीम का कार्य डॉ. अंकित मौर्य, रोहित सिंह और राकेश मिश्रा ने संभाला।

अंत में, सम्मेलन के संयोजक एवं भौतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. जितेंद्र सिंह ने इस आयोजन की सफलता के लिए सभी महानुभावों का आभार व्यक्त किया।

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