रामायण चित्रों में जीवंत हुए मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्श
दलीपपुरवा के कम्पोजिट विद्यालय में सम्पन्न हुई 9 दिवसीय चित्रकला कार्यशाला, बच्चों ने भावनाओं से भरे रंगों में उकेरे प्रेरक प्रसंग
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोण्डा। विकासखंड मनकापुर स्थित कम्पोजिट विद्यालय दलीपपुरवा में 7 से 17 मई तक रामायण चित्रकला कार्यशाला का आयोजन किया गया। अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, अयोध्या (संस्कृत विभाग, उत्तर प्रदेश) के तत्वावधान में आयोजित इस 9 दिवसीय कार्यशाला ने विद्यार्थियों को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों से जोड़ते हुए उनके भीतर रचनात्मकता और संस्कारों के बीज बोए।
इस विशेष कार्यशाला में छात्रों ने प्रतिदिन रामायण के किसी एक प्रसंग को चुनकर रंगों, रेखाओं और भावनाओं के माध्यम से पोस्टर चित्रों के रूप में प्रस्तुत किया। राम का वनवास, सीता हरण, हनुमान द्वारा लंका दहन, संजीवनी बूटी लाना, सेतु निर्माण और राम-रावण युद्ध जैसे प्रेरणास्पद प्रसंगों को विद्यार्थियों ने अपनी कल्पनाशक्ति से सजीव कर दिया।
कार्यशाला के समन्वयक मनीष वर्मा व प्रशिक्षक गया प्रसाद ने बच्चों को चित्रकला की बारीकियाँ सिखाईं। दोनों ने सरल भाषा में रामायण की शिक्षाओं को समझाते हुए कहा कि चित्रकला केवल रंगों का खेल नहीं, यह भावनाओं और विचारों की सशक्त अभिव्यक्ति है।
कार्यशाला के अंतिम दिन एक भव्य प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें प्रतिभागी विद्यार्थियों के उत्कृष्ट चित्रों का प्रदर्शन किया गया। चित्रों ने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। प्रदर्शनी में विद्यालय के प्रधानाध्यापक, समस्त शिक्षकगण, अभिभावक तथा स्थानीय गणमान्यजन शामिल हुए और बच्चों की प्रतिभा की सराहना की।
समापन अवसर पर शिक्षक मनीष वर्मा ने कहा, “रामायण कोई धार्मिक आख्यान भर नहीं, यह जीवन मूल्यों की अमूल्य धरोहर है। जब बच्चे इन प्रसंगों को चित्रों में उतारते हैं, तो उनका व्यक्तित्व संस्कारित होता है।” वहीं प्रशिक्षक श्री गया प्रसाद ने कहा, “चित्रकला बच्चों की मौन भावनाओं की मुखर भाषा है। रामायण आधारित यह कार्यशाला उनके अंतर्मन को सकारात्मक दिशा देती है।”
प्रतियोगिता में तन्वी सिंह, नयनशी और रोहन ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। ओवरऑल चैम्पियनशिप का खिताब शिवानी वर्मा के नाम रहा। सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।



