सीएचसी अधीक्षिका पर कार्रवाई और लिखित आश्वासन के बाद आक्रोश खत्म हुआ तो काम पर लौटे स्वास्थ्य कर्मी
पंडरी कृपाल सीएचसी में 11 दिनों से चल रहे आंदोलन का हुआ समाधान, सीएमओ के लिखित आश्वासन के बाद कर्मियों ने जताई खुशी
मंगलवार देर शाम को हटा दी गई थी सीएचसी अधीक्षिका डॉ पूजा जायसवाल, सीएमओ दफ्तर हुईं संबद्ध
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News :
गोंडा। पंडरी कृपाल सीएचसी पर तैनात एएनएम, सीएचओ और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का आक्रोश आखिरकार प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद शांत हुआ। मंगलवार देर शाम सीएचसी अधीक्षिका डॉ. पूजा जायसवाल के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी हो गए, लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों को जब तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. रश्मि वर्मा का लिखित आश्वासन नहीं मिला, तब तक उनका आक्रोश शांत नहीं हुआ।
बुधवार सुबह बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी सीएमओ कार्यालय पहुंच गए और उन्होंने अधीक्षिका के खिलाफ हुई कार्रवाई का आधिकारिक लिखित प्रमाण मांगा। सीएमओ से लिखित आश्वासन मिलते ही सभी स्वास्थ्य कर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गई। मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष अंजनी शुक्ला और मंत्री सुषमा ने इसे एडी हेल्थ और सीएमओ द्वारा कर्मचारियों के हित में उठाया गया सराहनीय कदम बताया। संगठन के नेताओं ने घोषणा की कि अब सभी कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर लौटकर पूरी क्षमता से काम करेंगे। सीएचसी अधीक्षिका के खिलाफ स्वास्थ्य कर्मियों का विरोध प्रदर्शन चार दिनों से अनशन के रूप में जारी था। मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ के नेतृत्व में एएनएम और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने अधीक्षिका के रवैये को तानाशाही बताते हुए नारेबाजी भी की थी।
इस अनशन में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) और स्टाफ नर्सों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। दूसरी ओर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा से मुलाकात कर स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याओं को उठाया था।
11 दिन पहले इस आंदोलन की शुरुआत हुई थी, जब आक्रोशित स्वास्थ्य कर्मियों ने सीएमओ कार्यालय का घेराव किया था। वे रात नौ बजे तक वहीं डटे रहे, लेकिन तब वार्ता विफल हो गई थी। इसके बाद, चार दिन पहले शनिवार को पंडरी कृपाल सीएचसी में स्वास्थ्य कर्मियों ने धरना शुरू कर दिया।
सीएमओ और एडी हेल्थ ने स्वयं मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों को कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन जब मंगलवार तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो संगठन ने बुधवार से सीएमओ कार्यालय पर धरना देने का निर्णय लिया। इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को धरने की सूचना भी दे दी गई थी।
अनशन को मिला था विभिन्न संगठनों का समर्थन
स्वास्थ्य कर्मियों के इस आंदोलन को कई अन्य कर्मचारी संगठनों का समर्थन प्राप्त था। इनमें बेसिक हेल्थ वर्कर्स यूनियन, स्टाफ नर्स संगठन, संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद शामिल थे। आंदोलन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अन्य कर्मचारी संगठन भी समर्थन देने आगे आ रहे थे, जिससे यह विरोध प्रदर्शन और बड़ा रूप लेने वाला था।
अधीक्षिका पर थे उत्पीड़न के आरोप
स्वास्थ्य कर्मियों ने सीएचसी अधीक्षिका पर तानाशाही रवैया अपनाने और कर्मचारियों के साथ उत्पीड़न करने के गंभीर आरोप लगाए थे। संगठन ने शुरू से ही उनकी तबादले की मांग की थी। मंगलवार को एएनएम और सीएचओ ने इस मुद्दे को लेकर बड़े आंदोलन का आह्वान किया था और सीएमओ कार्यालय के शांतिपूर्ण घेराव की घोषणा की थी।
सीएमओ कार्यालय पर दिखा महिला स्वास्थ्य कर्मियों का भारी जमावड़ा
बुधवार को सीएमओ कार्यालय पर एएनएम और स्वास्थ्य कर्मियों की भारी भीड़ जुटी। इनमें एएनएम सुषमा, एकता वर्मा, मानकी वर्मा, हेमलता वर्मा, रुचि शुक्ला, श्वेता श्रीवास्तव, लालपति, पूजा यादव, रेनू सिंह, विनीता, किरण वर्मा, आरती, प्रीति और लक्ष्मी समेत अन्य महिलाएं शामिल थीं।
कर्मचारियों की जीत और आंदोलन का शांतिपूर्ण समापन
सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा द्वारा लिखित आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारियों ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की। इस निर्णय से स्वास्थ्य कर्मियों में उत्साह देखने को मिला और उन्होंने अपने कार्यस्थलों पर लौटने का संकल्प लिया।
संघ के नेताओं ने इस फैसले को कर्मचारियों के हक में बड़ी जीत बताया और कहा कि भविष्य में भी किसी भी प्रकार के अन्याय के खिलाफ संगठन इसी तरह एकजुट होकर आवाज उठाएगा।



