रेड क्रॉस का त्रिदिवसीय प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न, युवाओं ने सीखा जीवन रक्षक प्राथमिक उपचार
– लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज में आयोजित हुआ वार्षिक प्रशिक्षण शिविर
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोंडा: भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज इकाई द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय वार्षिक प्रशिक्षण शिविर 13 से 15 अप्रैल 2025 तक सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इस शिविर में प्राथमिक चिकित्सा, आपातकालीन उपचार और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सत्रों के माध्यम से स्वयंसेवकों को जीवन रक्षक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया।
शिविर के पहले दिन सेंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड के कोर ऑफिसर एवं मास्टर ट्रेनर श्री आशीष शर्मा ने प्राथमिक चिकित्सा की सैद्धांतिक जानकारी स्वयंसेवकों को दी। दूसरे दिन उन्होंने जलने, सीढ़ी से गिरने, कटने, हड्डी टूटने जैसी आपात स्थितियों में प्राथमिक उपचार, घाव की जांच, रोगी के सुरक्षित परिवहन तथा CPR देने की प्रक्रिया को व्यावहारिक उदाहरणों द्वारा समझाया। इस दौरान स्वयंसेवकों को इन प्रक्रियाओं की प्रैक्टिस भी कराई गई।
तीसरे दिन स्वयंसेवकों को मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा के साथ ही सांप या कुत्ते के काटने जैसी घटनाओं में उपचार के उपाय सिखाए गए। इसके बाद डॉ. फारूक एवं उनकी टीम ने स्वयंसेवकों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और हीमोग्लोबिन की जांच की।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. पी एन सिंह ने स्वयंसेवकों को दुर्घटनाओं के समय किए जाने वाले उपचार की महत्ता बताते हुए उन्हें ‘समाज के लिए तैयार सैनिक’ की संज्ञा दी। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रवीन्द्र कुमार ने युवाओं को स्वास्थ्य संवर्धन के उपाय बताए, जबकि प्रो. जितेन्द्र सिंह और छात्र कल्याण अधिकारी प्रो. शिव शरण शुक्ल ने स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं और आशीर्वाद प्रदान किया।
समापन अवसर पर ब्यूटी मिश्रा, गुलशन और मनसा भारती को ‘अच्छे वॉलंटियर’ का प्रमाण पत्र दिया गया। अभिजीत यश भारती को शिविर के दौरान विशेष योगदान के लिए ‘भूतपूर्व अच्छे वॉलंटियर’ का सम्मान मिला। सत्यम दुबे को ‘बेस्ट मेल वॉलंटियर’ और अनुष्का बिसेन को ‘बेस्ट फीमेल वॉलंटियर’ चुना गया। कार्यक्रम का संचालन रेड क्रॉस यूनिट संयोजक प्रो. राजीव कुमार अग्रवाल ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हरीश शुक्ला ने प्रस्तुत किया। शिविर की सफलता में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पुनीत कुमार (रसायन शास्त्र विभाग) और डॉ. ममता शुक्ला (मनोविज्ञान विभाग) की अहम भूमिका रही। यह शिविर युवाओं के लिए एक शिक्षाप्रद अनुभव रहा, उन्हें समाज सेवा के लिए तैयार करने की दिशा में एक प्रभावी कदम भी साबित हुआ।



