. श्रावस्ती में मदरसों पर बुलडोज़र कार्रवाई के विरोध में समाजवादी पार्टी ने सौंपा ज्ञापन, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना का आरोप
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोंडा , 21 मई।
जनपद श्रावस्ती में मदरसों को बिना पूर्व सूचना और विधिक प्रक्रिया के ध्वस्त किए जाने तथा सील किए जाने की घटनाओं के विरोध में बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मसूद आलम खान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को संयुक्त रूप से ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों की अवहेलना किए जाने का गंभीर आरोप लगाया गया है और इस मामले में तत्काल निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।
ज्ञापन में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने मो. यूनुस बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (2020) और जनहित बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (2023) सहित अनेक मामलों में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अतिक्रमण हटाने की किसी भी कार्रवाई से पहले विधिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाना चाहिए और संबंधित पक्ष को नोटिस देकर सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए। इसके बावजूद, श्रावस्ती में हाल ही में दर्जनों मदरसों को बिना किसी पूर्व सूचना अथवा सुनवाई के बुलडोज़र से गिरा दिया गया या सील कर दिया गया, जो संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 से 28 तक प्रदत्त समानता और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का खुला उल्लंघन है।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि वक्फ संपत्तियों से जुड़ी मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि जब तक लंबित मामलों पर अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, तब तक मदरसे, मस्जिदें, मजारें, कब्रिस्तान आदि वक्फ संपत्तियों की यथास्थिति बनाए रखी जाए। इसके बावजूद, प्रशासनिक स्तर पर इन स्थलों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है, जो न केवल न्यायिक प्रक्रिया का अपमान है, बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाता है।
ज्ञापन सौंपने के बाद जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जाएगा और किसी भी कार्रवाई से पूर्व विधिक प्रक्रिया का पूरी तरह अनुपालन किया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में समाजसेवी हाजी मुश्फिक अहमद खान, विधानसभा अध्यक्ष रामराज यादव, युवा नेता जियाउर्रहमान खान, सुफियान खान, राम सुरेश पासवान, जैद खान, राकेश निषाद, आक़िफ़ पठान, अजहर हुसैन मंसूरी, राजा खान, भरत लाल यादव, आसिफ लारी, हिलाल रिजवी, हफीजुर्रहमान, अहमद पठान, हृदय पासवान, सलमान खान, महफूज खान, मुन्ना सिद्दीकी, राजू यादव, मुलायम यादव, अतुल पासवान, जमील खान, नसीम खान, राकेश यादव, पवन राजभर, दद्दू राजभर, अभिनव यादव पिंटू, आरिफ खान, अरुण यादव, असलम खान, हामिद मंसूरी, शोएब खान, जावेद खान, सुहैल खान, कमाल खान, शादाब राईनी, राजू वर्मा, निखिल त्रिपाठी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।



