बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों का 72 घंटे का कार्य बहिष्कार जारी, गोंडा में धरना प्रदर्शन तेज
न्याय की मांग को लेकर उठीं आवाजें, कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोंडा।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड एवं उसकी सहयोगी कंपनियों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर 72 घंटे के कार्य बहिष्कार की घोषणा की है, जो 20 मई की ए-पाली से शुरू होकर दूसरे दिन भी प्रभावी रूप से जारी रही । प्रदेश भर के जनपदों में संविदा कर्मी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
गोंडा जनपद में भी बड़ी संख्या में बिजली आउटसोर्स कर्मचारी अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर धरना दे रहे हैं। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का आरोप है कि विभाग ने अपने ही आदेशों की अवहेलना करते हुए 45 प्रतिशत संविदा कर्मचारियों की उम्र का हवाला देकर छंटनी शुरू कर दी है। कार्य के अनुरूप अनुबंध नहीं किया जा रहा, वेतन में भेदभाव हो रहा है, मार्च 2023 में हटाए गए कर्मचारियों को पुनः सेवा में नहीं लिया गया है और उनके बकाया वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया है।
कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि ईपीएफ घोटाले की जांच नहीं कराई जा रही है, न ही घायल कर्मचारियों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जा रही है।
गोंडा धरना स्थल पर अवध केशरी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री नील ठाकुर, समाजवादी पार्टी के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी सूरज सिंह और पूर्व विधायक बैजनाथ दुबे ने पहुंचकर कर्मचारियों का समर्थन किया। वक्ताओं ने कहा कि कर्मचारियों की मांगें पूरी तरह जायज हैं और सरकार को शीघ्र समाधान करना चाहिए।
धरने में जोन अध्यक्ष अतुल सिंह, जिला अध्यक्ष आशुतोष सिंह, लाल मोहम्मद, विनोद चौरसिया, अंकित तिवारी, महेश शर्मा, विशाल श्रीवास्तव, मोहित त्रिवेदी सहित सैकड़ों कर्मचारी मौजूद रहे।
धरना प्रदर्शन की वजह से गोंडा जनपद के डुमरियाडी, इटियाथोक, नवाबगंज, कर्नलगंज, बालपुर, भभुआ समेत कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति प्रभावित है। अवर अभियंताओं ने केवल फीडर चालू किए हैं, लेकिन कई जगहों पर लाइन ब्रेकडाउन के कारण उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल पा रही है।
मध्यांचल क्षेत्र के अध्यक्ष अरविन्द कुमार श्रीवास्तव ने चेतावनी दी है कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।



