फाइलों से फील्ड तक बदला ग्राम चौपाल 3.0 में समाधान का तरीका
डीएम नेहा शर्मा की पहल को ग्रामीणों से मिल रही सराहना
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News

गोंडा, 13 जून 2025।
अब सरकारी शिकायतें रजिस्टरों में सिमटकर नहीं रह जातीं, बल्कि वहीं हल हो रही हैं जहां से उठती हैं, उसी गांव के चौखट पर। जिले में जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अगुवाई में चल रही ग्राम चौपाल 3.0 मुहिम ने प्रशासनिक कार्यशैली की परिभाषा बदल दी है। शुक्रवार को करनैलगंज, हलधरमऊ और कटराबाजार ब्लॉकों की पाँच ग्राम पंचायतों में लगाई गईं चौपालों ने न केवल जनसुनवाई का सशक्त मंच दिया, बल्कि “समस्या वहीं, समाधान वहीं” की सोच को ज़मीन पर उतार दिया।

ग्रामीणों की बातों को मिल रही प्राथमिकता, समाधान के साथ मिला सम्मान

जिलाधिकारी ग्रामीणों के बीच आयोजित चौपाल में पहुंची। करनैलगंज, सकरौर ग्रामीण, पहाड़ापुर, बनगांव और तिलका पंचायतों में चौपाल लगाकर उन्होंने लोगों की बातें सुनीं। शिकायतें गिनने या दर्ज करने की औपचारिकता नहीं हुई, बल्कि गहराई से समझकर मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश दिए गए। चाहे सड़क और बिजली की समस्या हो या शौचालय, नाली, राशन वितरण या विरासत से जुड़े मसले—हर बिंदु पर गंभीरता दिखाई गई और मौके पर फैसले लिए गए।
ग्राम चौपाल 3.0 की खासियत इसकी पूर्व तैयारी और जवाबदेही है। जिलाधिकारी के आदेश पर IGRS, समाधान दिवस, जनता दर्शन जैसे प्लेटफॉर्म से मिली शिकायतों का विश्लेषण कर ऐसे गांवों को चिह्नित किया गया जहां बार-बार समस्याएं सामने आती रही हैं। फिर इन्हीं गांवों में अधिकारियों की पूरी टीम को साथ लेकर जिलाधिकारी खुद पहुंचीं। इससे न केवल समस्या की सही पहचान हो पाई, बल्कि हल भी त्वरित और ठोस मिला।

प्राशासनिक टीम वर्क बना सफलता का असल ताक़त

इस चौपाल की खास बात यह रही कि पूरी प्रशासनिक टीम इसमें सक्रिय भागीदारी निभा रही है। मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, मुख्य राजस्व अधिकारी महेश प्रकाश, एसडीएम यशवंत राव, तहसीलदार अनु सिंह, परियोजना निदेशक चंद्रशेखर सहित जिला स्तर के लगभग सभी विभागों के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे और अपने-अपने स्तर से समाधान सुनिश्चित किया।

गुणवत्ता और दीर्घकालिकता पर डीएम ने दे रखा है विशेष ज़ोर

ग्राम चौपाल 3.0 सिर्फ समाधान का माध्यम नहीं, प्रभावी और स्थायी समाधान की दिशा में उठाया गया कदम है। जिलाधिकारी खुद यह देख रही हैं कि जो समाधान दिए जा रहे हैं, वे सिर्फ तात्कालिक नहीं, बल्कि भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करते हों। उनके नेतृत्व में प्रशासनिक मशीनरी एक नई संवेदनशीलता और सक्रियता के साथ कार्य कर रही है।

जनता के बीच और बढ़ा डीएम का कद

इस पहल को लेकर ग्रामीणों में एक बार फिर से उत्साह है। लोगों का कहना है अब डीएम खुद गांव में आकर सुनती हैं और समाधान करवा देती हैं। ग्राम चौपाल 3.0 ने शिकायत निस्तारण की प्रक्रिया को तेज़ किया है, प्रशासन और जनता के बीच विश्वास की नई डोर भी बुनी है। लोगों के बीच शुक्रवार को चर्चा होती दिखी कि डीएम का ग्राम चौपाल 3.0 कार्यक्रम न केवल जनसमस्याओं के समाधान का ज़रिया बन रहा है, बल्कि लोक प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और संवेदनशीलता के नए मानक भी स्थापित कर रहा है। डीएम नेहा शर्मा की यह पहल प्रशासनिक दृष्टि से अनवरत क्रांतिकारी प्रयास है, जिसे पूरे जिले में सराहना मिल रही है।

 

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