इन 106 ग्राम पंचायतों को पेरी अर्बन ग्राम पंचायत के रूप में जाना जाएगा
*प्लास्टिक वेस्ट का सड़क बनाने में होगा इस्तेमाल*
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News

गोंडा। मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता में जिला स्वच्छता समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसमें स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत निर्मित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट युनिट से रिसाईकिल किये गये सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग तथा पेरी अर्बन ग्रामों/ग्राम पंचायतों के चिन्हांकन पर विचार किया गया।

बैठक के दौरान समिति को बताया गया कि भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में जनपद में रिन्यूवल कार्य हेतु प्रस्तावित मार्गों में वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग करते हुये 30 एमएम बिटुमिनस कॉन्क्रीट का कार्य किये जाने हेतु प्रस्तावित किया गया है। प्रस्तावित लम्बाई में विशिष्टियों के अनुसार अनुमानतः 01 टन प्रति किलो मीटर वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग होना है। इस प्रकार रिन्यूवल हेतु प्रस्तावित मार्गों पर वेस्ट प्लास्टिक की खपत होगी, जो पर्यावरण संरक्षित किये जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण लैन्डमार्क साबित होगा।

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु विकासखण्ड-वजीरगंज की ग्राम पंचायत-वजीरगंज में प्लास्टिक वेस्ट मैनेंजमेंट युनिट स्थापित किया गया हैं, जिसमें सिंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक को रिसाईकिल करके, निर्धारित आकार में श्रेडिंग कराया जा रहा हैं। जिससे जनपद में सड़क निर्माण से सम्बन्धित कार्यदायी संस्था/विभाग द्वारा खपत किये जाने तथा युनिट पर संग्रहित किये गये अन्य प्लास्टिक वेस्ट को लोकल स्तर पर कबाड़ियों से लिंक करते हुए वेस्ट प्लास्टिक के बिक्री/निस्पादन किया जायेगा।

जनपद गोंडा में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना अंतर्गत ग्राम पंचायतों में कूड़े का घर घर ई-रिक्शे के माध्यम से कूड़े को कलेक्ट करते हुए कूड़े का निस्तारण कराया जा रहा है। ग्राम पंचायत में जनता एवं अन्य प्रतिष्ठान द्वारा स्वेक्षा से कुछ सुविधा शुल्क दिया जा रहा है, परन्तु कार्य लगात से स्वेक्षा शुल्क कम प्राप्त हो रहा है इसलिए आगामी 1 मई से जनपद में कूड़े निष्पादन हेतु निर्धारित सुविधा शुल्क लागू होगा।

इसके अलावा जिलाधिकारी द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की ग्राम/ग्राम पंचायत पेरीअर्बन की स्थिति में है। उनको चिन्हित करते हुए ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन के कार्य कराये जाने के निर्देश दिये गये। वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्र की कई ग्राम/ग्राम पंचायत पेरीअर्बन की स्थिति में आ गये होंगे। जनपद द्वारा पेरीअर्बन ग्रामों/ग्राम पंचायतों का चिन्हिकरण किये जाने की आवश्यकता है।

*इस प्रकार हुआ 105 पेरीअर्बन ग्रामों/ग्राम पंचायतों का चयन*

1. ऐसे ग्राम/ग्राम पंचायत जो कि नगर पालिका परिषद की सीमा से 03 किलो मीटर की परिधि में आता हो। जहां व्यवसायिक गतिविधियां भी हो रही हो। इन ग्रामों/ग्राम पंचायतों का स्वरूप कस्बाई/शहरी हो गया है।

2. ऐसी ग्राम/ग्राम पंचायत जो कि नगर पंचायत की सीमा से 01 किमी की परिधि में आता हो। इन ग्रामों/ग्राम पंचायतों में व्यवसायिक गतिविधियां हो रही हो। इन ग्रामों का स्वरूप कस्बाई/शहरी हो गया है।

3. ऐसे ग्राम/ग्राम पंचायत जो कि उपवर्णित मानक में नहीं आते है परन्तु इन ग्रामों/ग्राम पंचायतों में व्यवसायिक गतिविधियां हो रही हो एवं इन ग्रामों का स्वरूप कस्बाई/शहरी हो गया है।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, एडीएम आलोक कुमार, एएसपी मनोज रावत, जिला विकास अधिकारी सुशील कुमार श्रीवास्तव, जिला पंचायत राज अधिकारी लालजी दुबे, समस्त बीडीओ, एक्सईएएन सीडी जिला समन्वयक एसबीएम जी अभय प्रताप रमन सिंह, जिला समन्वयक (एसबीएम जी) सलौनी सिंह, सहायक लेखाकार सुदर्शन त्रिपाठी सहित अन्य सभी संबंधित आधिकारिक उपस्थित रहे।

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