सरकारी तालाब की जमीन पर कब्जा कर बेचने वालों पर एफआईआर दर्ज, डीएम ने अपनाई ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति
जांच में आरोप सही पाए जाने पर धानेपुर थाने में नामजद मुकदमा दर्ज, राजस्व रिकॉर्ड में तालाब दर्ज भूमि पर अवैध कब्जा कर किया गया विक्रय
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News

गोंडा, 13 जून 2025।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देश पर सार्वजनिक एवं ग्रामसभा की भूमि पर अवैध कब्जा कर उसे बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत ग्रामसभा मानवनां, चोनपुर में स्थित राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज एक तालाब की भूमि पर अवैध कब्जे और विक्रय के मामले में शुक्रवार को थाना धानेपुर में एफआईआर दर्ज कराई गई है।

यह मामला संपूर्ण समाधान दिवस (3 मई 2025) को प्राप्त शिकायत से प्रकाश में आया था। शिकायतकर्ता शकील अहमद पुत्र सलामत ने आरोप लगाया था कि गाटा संख्या 1225, क्षेत्रफल 0.0454 हेक्टेयर, जो राजस्व अभिलेखों में तालाब के रूप में दर्ज है, उस पर हजारीलाल पुत्र गिरधारीलाल ने अवैध कब्जा कर लिया और फिर उक्त भूमि को हिसामुद्दीन, करीमुद्दीन, अख्तरी बानो, इकरार अहमद और इरशाद हुसैन को बेच दिया।

जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उप जिलाधिकारी सदर अशोक कुमार गुप्ता के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम से जांच कराई। लेखपाल हितेश कुमार तिवारी द्वारा की गई जांच में आरोपों की पुष्टि हुई, जिसके आधार पर जिलाधिकारी के निर्देश पर थाना धानेपुर में विधिसम्मत एफआईआर दर्ज कराई गई।

उप जिलाधिकारी ने बताया कि तालाब की भूमि सार्वजनिक संपत्ति होती है, जिसका न तो विक्रय किया जा सकता है और न ही उस पर निजी स्वामित्व का दावा किया जा सकता है। यह भूमि जनहित में संरक्षित होती है।

इस संबंध में जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने साफ कर दिया है कि सार्वजनिक संपत्तियों पर कब्जा या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लेन-देन करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे मामलों में कठोर विधिक व न्यायालयीन कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर भूमि की पुनर्प्राप्ति की कार्यवाही भी कराई जाएगी।

 

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