*कोडर झील को पर्यटन स्थल में बदलने की दिशा में गोण्डा प्रशासन की बड़ी पहल*
*डीएम नेहा शर्मा की पहल पर कोडर झील का सौंदर्यीकरण और विकास कार्य शुरू*
*स्वयं सहायता समूह को मिलेगा लाभ: कोडर झील क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण की नई शुरुआत*
*ईको टूरिज्म के तहत कोडर झील को बनाया जाएगा प्रमुख पर्यटन स्थल*
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोण्डा: जिलाधिकारी नेहा शर्मा की पहल पर, गोण्डा जिले के कोडर झील को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है। इस परियोजना के तहत झील के सौंदर्यीकरण और आसपास के क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्य किए जाएंगे, जिससे यह स्थल न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
अयोध्या से 22 किमी और गोंडा मुख्यालय से 40 किमी दूर स्थित कोडर गांव में स्थित कोडर झील, ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि यह स्थान भगवान श्रीराम के गायों के चरने के कारण अस्तित्व में आया था। महर्षि पतंजलि ने यहीं रहकर योग की शिक्षा दी थी। झील का आकार मिट्टी के चूल्हे की तरह है और यहां प्रवासी पक्षियों की आमद होती है, जो इसे और भी आकर्षक बनाती है।
*सौंदर्यीकरण और विकास कार्य*
उपजिलाधिकारी तरबगंज द्वारा झील के जलमग्न क्षेत्र का सीमांकन कर कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके तहत वन विभाग द्वारा झील के किनारे 4 हेक्टेयर क्षेत्र में 6400 पौधों के रोपण की योजना बनाई गई है, जिसे आगामी वर्षाकाल में पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही, मनरेगा के तहत झील के तट सुद्धीकरण और अन्य कार्यों के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
*स्वयं सहायता समूह का योगदान*
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत, 35 महिलाओं को जलकुम्भी से बने सजावटी सामान बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 2 मई से 17 मई तक विकासखण्ड वजीरगंज के सभागार में आयोजित किया जा रहा है, जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
*मत्स्य पालन और कृषि विकास*
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मत्स्य विभाग द्वारा कोडर झील में मछली पालन के लिए फिश केज स्थापित करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत 14 लाभार्थियों को लाभान्वित करने के लिए आवेदन लिया गया है। इसके साथ ही कृषि विभाग द्वारा झील के आसपास के किसानों को जैविक रसायन और खाद के प्रयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे भूमि की उर्वरता बनी रहे और पर्यावरण की रक्षा हो।
*सड़क निर्माण कार्य*
ग्राम पंचायत कोडर डीहा में रबरमोल्ड इण्टरलॉकिंग का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसकी लागत लगभग 14.88 लाख रुपये है। यह कार्य पुद्दन सिंह के घर से हरिद्वार सिंह के घर तक किया जा रहा है और इससे पर्यटन स्थल तक पहुंचना और भी आसान हो जाएगा।
*ईको टूरिज्म का प्रस्ताव*
जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद द्वारा इस क्षेत्र को ईको टूरिज्म के तहत विकसित करने का प्रस्ताव महानिदेशक पर्यटन को भेजा गया है। यह कदम कोडर झील को एक प्रमुख पर्यटक स्थल बनाने के लिए उठाया गया है, जो स्थानीय संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य का एक आदर्श संयोजन प्रस्तुत करेगा।
*”इससे न केवल पर्यटकों को एक नया स्थल मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। कोडर झील का सौंदर्यीकरण और आसपास के विकास कार्य से यहां का समग्र परिवेश बेहतर होगा और यह स्थल एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बन सकेगा।”*
—- नेहा शर्मा, जिलाधिकारी गोण्डा।



