फॉर्मेलीनयुक्त मछलियों पर रोक, पनीर की बिक्री पर भी नजर
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की सख्ती
पनीर विक्रेताओं पर भी विभाग की पैनी नजर
सभी पनीर निर्माताओं को किया जा रहा सूचीबद्ध
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोंडा। स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने अब सख्ती शुरू कर दी है। शुक्रवार को विभाग की टीम ने शहर के विभिन्न स्थानों पर मछली विक्रेताओं और दुग्ध उत्पादों की दुकानों पर औचक निरीक्षण किया। इस दौरान जांच में फॉर्मेलीन जैसे खतरनाक रसायन के प्रयोग की आशंका के चलते मछलियों की बिक्री पर निगरानी बढ़ा दी गई है। विभाग ने फॉर्मेलीन लगी मछलियों पर तत्काल प्रभाव से पाबंदी लगा दी है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की इस कार्रवाई से मछली कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी मछली में फॉर्मेलीन पाया गया तो संबंधित विक्रेता के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। खाद्य विभाग ने सिर्फ मछली विक्रेताओं ही नहीं, बल्कि पनीर उत्पादकों और विक्रेताओं पर भी निगरानी तेज कर दी है। बाजार में खुले तौर पर बिक रहे नकली पनीर, जैसे कि दूध पाउडर और सोया से बने पनीर, को लेकर विभाग ने सभी विक्रेताओं को चेतावनी दी है कि वे उपभोक्ताओं को स्पष्ट जानकारी के साथ ही उत्पाद बेचें। यदि निर्माण सामग्री छिपाकर या भ्रामक जानकारी देकर पनीर की बिक्री की जाती है, तो उस पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य विभाग ने जनपद में पनीर निर्माण करने वाले सभी प्रतिष्ठानों को सूचीबद्ध करने का अभियान शुरू किया है। इसके अंतर्गत न केवल निर्माण इकाइयों की जांच की जाएगी, बल्कि उनके द्वारा प्रयोग की जाने वाली सामग्री और गुणवत्ता मानकों का भी मूल्यांकन किया जाएगा। इस अभियान का नेतृत्व अभिहित अधिकारी अजीत कुमार मिश्रा ने किया। उनके साथ मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय कुमार सिंह, खाद्य सुरक्षा अधिकारी संतोष कुमार, प्रमोद कुमार, डॉ संजय और मनीष मल्ल शामिल रहे। टीम ने विभिन्न स्थानों पर दुकानों और बाजारों में सैंपल एकत्र किए और दुकानदारों को खाद्य सुरक्षा मानकों की जानकारी दी।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने आमजन से अपील की है कि यदि कहीं पर भी संदिग्ध खाद्य पदार्थ या मछलियों की बिक्री होती है तो इसकी सूचना तत्काल विभाग को दें, ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके। जानकार बताते हैं कि फॉर्मेलीन एक संरक्षण रसायन है, जिसका उपयोग शव संरक्षण में किया जाता है। यह खाद्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है। इसका सेवन कैंसर, पेट की गंभीर बीमारियों समेत कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।



