एस.सी.पी.एम. मेडिकल कॉलेज, गोंडा में आपदा प्रबंधन पर व्यापक मॉक एक्सरसाइज का सफल आयोजन
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News :
गोंडा: शुक्रवार को एस.सी.पी.एम. ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल एंड एजुकेशन, लखनऊ रोड, हारीपुर, गोंडा के प्रांगण में उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला आपदा प्रबंधन, गोंडा द्वारा भूकंप और अग्नि सुरक्षा से संबंधित एक व्यापक मॉक एक्सरसाइज का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आपदा के समय त्वरित और सुरक्षित प्रतिक्रिया देने के लिए संस्थान के स्टाफ और छात्रों को प्रशिक्षित करना था, जिससे संभावित आपदाओं के दौरान होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
कार्यक्रम के दौरान अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने उपस्थित स्टाफ और छात्र-छात्राओं को आपदा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया। उन्होंने आपदा की स्थिति में सुरक्षा और बचाव के तरीके विस्तार से समझाए और किसी भी अनपेक्षित आपदा, जैसे कि भूकंप या आग लगने की स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया कैसे दी जाए, इस पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। प्रशिक्षकों ने यह भी बताया कि संकट के समय में खुद को सुरक्षित रखते हुए, साथियों और आसपास के लोगों की मदद किस प्रकार की जा सकती है।
विशेष रूप से, आपदा प्रबंधन के विशेषज्ञों ने भूकंप, आग, और बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसी भी आपदा के समय सबसे महत्वपूर्ण है स्थिति का सही आकलन करना, घबराहट से बचना और एक सुव्यवस्थित तरीके से राहत कार्यों को अंजाम देना। उन्होंने कहा कि इन आपदाओं से निपटने के लिए सबसे पहले लोगों को प्रशिक्षित करना आवश्यक है ताकि वे घबराने की बजाय स्थिति को संभालने में सक्षम हों।
कार्यक्रम के दौरान, आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षित जवानों ने एक जीवंत मॉक ड्रिल का प्रदर्शन किया, जिसमें आग लगने और भूकंप जैसी आपात स्थितियों से निपटने के तरीकों को वास्तविक रूप में दिखाया गया। जवानों ने बताया कि आपदा के दौरान किस तरह से फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जाता है और प्राथमिक चिकित्सा कैसे दी जाती है। इस मॉक ड्रिल के माध्यम से उपस्थित लोगों को यह संदेश दिया गया कि किसी भी आपदा के समय धैर्य और त्वरित प्रतिक्रिया ही जान बचाने का सबसे बड़ा हथियार है।
इस दौरान एस.सी.पी.एम. मेडिकल कॉलेज के निदेशक अजिताभ दुबे और प्रशासक धीरज दुबे की विशेष उपस्थिति रही। कॉलेज के अन्य स्टाफ सदस्य, छात्र-छात्राएं और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी इस मॉक ड्रिल में सम्मिलित हुए। निदेशक अजिताभ दुबे ने इस प्रकार के आयोजनों की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाने चाहिए, ताकि आपदा की स्थिति में लोग मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहें।
उन्होंने आगे कहा कि प्राकृतिक और मानवीय आपदाएं कभी भी आ सकती हैं, लेकिन उनकी तैयारियों से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। इस मॉक एक्सरसाइज के माध्यम से छात्रों और स्टाफ को आपदा प्रबंधन के महत्वपूर्ण कौशल सिखाए गए, जिससे वे आपात स्थिति में सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे।
यह आयोजन एक सराहनीय पहल के रूप में देखा जा रहा है, जहां छात्रों और स्टाफ को न केवल आपदा प्रबंधन के सिद्धांत बताए गए, बल्कि उनके व्यावहारिक उपयोग को भी समझाया गया। इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित किए जाने चाहिए, ताकि जागरूकता बढ़ाई जा सके और आपदा के समय त्वरित और सुरक्षित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।



