पायनियर पब्लिक स्कूल में मनाई गई स्वामी विवेकानंद के पुण्यतिथि

बलरामपुर। पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज में स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि मनाई गई। जिसमें सर्वप्रथम विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा एमपी तिवारी ने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यापर्ण तथा द्वीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ किया। डा एमपी तिवारी ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली परिवार में जन्में विवेकानन्द अध्यात्किता की ओर झुके हुए थे। वे अपने गुरू रामकृष्ण परमहंस देव से काफी प्रभावित थे। जिनसे उन्होंनें सीखा कि सारे जीवो में स्वयं परमात्मा का ही अस्तित्व है, इसलिए मानव जाति दूसरे जरूरतमन्दों की मदद करता है। सेवा द्वारा परमात्मा की भी सेवा की जा सकती है। रामकृष्ण की मृत्यु के बाद विवेकानन्द ने बड़े पैमाने पर भारतीय उपमहाद्धीप की यात्रा की और ब्रिटिश भारत में तत्कालीन स्थितियों का प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त किया। स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होनें रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्न शिष्य थे। उन्हें दो मिनट का समय दिया गया था किन्तु उन्हे प्रमुख रूप से उनके भाषण का आरम्भ मेरे अमेरिकी बहनों एवं भाइयों के साथ करने के लिए जाना जाता है। उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था। भारत के गौरव को देश देशांतरो में उज्जवल करनें का उन्होनें सतत् प्रयत्न किया। चार जुलाई 1902 को स्वामी विवेकानंद ने अंतिम सांस लिया। उन्होंने छात्रों से कहा कि सभी छात्र स्वामी विवेकानंद के विचारों का अनुसरण कर समाजवाद देश सेवा कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि जितना बड़ा संघर्ष होता है शानदार होती है। उन्होंने सभी छात्रों को मेहनत व लगन से शिक्षा जन करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा भाषण एवं सांस्कृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भाषण के अन्तर्गत स्वारा मिश्रा, यशी पाण्डेय, सुनैना शुक्ला, अविरल श्रीवास्तव, रिद्धी श्रीवास्तव एवं वैष्णवी श्रीवास्तव ने स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर अपना-अपना विचार व्यक्त किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत जब सर पर रखे हाथ गुरू जी तेरे सुकराना नामक गीत पर आशी यादव, मोहनी तिवारी, आव्या एवं आकांक्षा ने बहुत ही सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया तथा श्रृष्टि शुक्ला ने स्वामी विवेकानंद का बहुत ही मनमोहक अभिनय किया।
अंत में स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि के अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा एमपी तिवारी नें भाषण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं की प्रशंसा करते हुए सभी बच्चों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर विद्यालय के उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय, एक्टीविटी इंचार्ज राघवेन्द्र त्रिपाठी, दिव्या पाण्डेय, उर्वशी शुक्ला सहित समस्त शिक्षकों का विशेष योगदान रहा।

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