DM Neha sharma के इस पहल से स्वच्छ और स्वस्थ बनेगा गोंडा
गोण्डा में स्वच्छता की नई पहल: जिलाधिकारी नेहा शर्मा की प्रेरणा से आयोजित होगी ‘स्वच्छ वार्ड प्रतिस्पर्धा’*
*सभी नगरीय निकायों के 173 वार्डों के बीच स्वच्छता सुधार हेतु जिला स्तरीय प्रतिस्पर्धा शुरू, प्रथम पुरस्कार ₹8 लाख*
*विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में गोण्डा में स्वच्छता को बढ़ावा देने का अभियान*
*जनपद में नागरिक सहभागिता के साथ स्वच्छता अभियान को मिलेगा नया आयाम*
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News *

*गोण्डा, 29 मई।*
विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में जनपद गोण्डा में 01 जून से 15 जून 2025 के मध्य एक महत्वाकांक्षी और नवोन्मेषी पहल के अंतर्गत ‘स्वच्छ वार्ड प्रतिस्पर्धा’ का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रतिस्पर्धा जिलाधिकारी नेहा शर्मा की सोच और नेतृत्व में शुरू की जा रही है, जिसका उद्देश्य जनपद के सभी 173 वार्डों को स्वच्छ, सुंदर और नागरिक सहभागिता से युक्त बनाना है।
इस प्रतियोगिता के अंतर्गत प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले वार्डों को क्रमशः ₹8 लाख, ₹6 लाख एवं ₹4 लाख की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी, जिसे वार्ड के विकास कार्यों में व्यय किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, चयनित वार्डों के सभासद और सफाई नायक को भी उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। यह पहल न केवल वार्डों की साफ-सफाई और व्यवस्था को बेहतर बनाएगी, बल्कि फ्रंटलाइन सफाईकर्मियों और जनप्रतिनिधियों के मनोबल को भी बढ़ाएगी।

*होंगे स्थलीय निरीक्षण एवं चलेगी निरंतर निगरानी*

प्रतिस्पर्धा के दौरान 15 व 16 जून 2025 को जिला स्तरीय निरीक्षण टीमें वार्डों का स्थलीय निरीक्षण करेंगी। इसके पश्चात प्रतियोगिता समाप्त होने के दस दिन बाद पुनः निरीक्षण किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्वच्छता अभियान केवल अस्थायी न रहकर नियमित व्यवस्था का अंग बने।

*जनभागीदारी निभाएगी निर्णायक भूमिका

जिलाधिकारी ने सभी अधिशासी अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे इस प्रतियोगिता की जानकारी निकाय अध्यक्षों, सभासदों और नागरिकों को दें तथा अभियान में जनभागीदारी को प्राथमिकता दें। इस प्रतिस्पर्धा का उद्देश्य केवल एक बार की सफाई नहीं, बल्कि नागरिक चेतना के माध्यम से स्थायी स्वच्छता की संस्कृति को स्थापित करना है।

*ये रखे गए हैं मूल्यांकन के मापदंड*
इस प्रतिस्पर्धा में चयन के लिए जिला प्रशासन द्वारा अनेक मानक निर्धारित किए गए हैं, जैसे—
• वार्डों में प्रतिबंधित पॉलीथीन का उपयोग न होना।
• नालों की नियमित सफाई, ठोस अपशिष्ट व पॉलीथीन रहित स्थिति।
• 90 से 100 प्रतिशत घरों में डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण।
• गीले और सूखे कचरे का पृथक्करण (हरे व नीले डस्टबिन में)।
• कम से कम 10 प्रतिशत घरों में होम कम्पोस्टिंग।
• सामुदायिक व पिंक शौचालयों की सफाई, व्यवस्था और क्रियाशीलता।
• दो पालियों में सफाई व्यवस्था और गलियों की स्वच्छता।
• जीवीपी (Garbage Vulnerable Points) पर गंदगी मुक्त वातावरण।
• टोल फ्री नंबर 1533 और 14420 की जानकारी नागरिकों को उपलब्ध व सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित होना।
• सजावटी नवाचार जैसे सेल्फी प्वाइंट, वेस्ट टू वंडर, चौराहों का सौंदर्यीकरण आदि।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *