बैंक कर्मचारियों टैक्स कटौती पर किया विरोध प्रदर्शन, 15 मार्च को हड़ताल की चेतावनी
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News :

गोंडा: प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक द्वारा अपने कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधाओं एवं रियायती ब्याज दर पर दिए गए ऋणों पर सुविधा कर (Perquisites Tax) के नाम पर वेतन से कटौती की जा रही है, जिससे कई कर्मचारियों का वेतन जनवरी से मार्च माह में घटकर मात्र 400-500 रुपये रह गया है। इससे बैंक कर्मियों को अपने परिवार का भरण-पोषण करना कठिन हो गया है।

इस कर का बोझ बैंक स्वयं वहन करे, इस मांग को लेकर प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन गोंडा क्षेत्र के बैनर तले कर्मचारियों ने गुरुवार को क्षेत्रीय कार्यालय, गोंडा के सामने विरोध प्रदर्शन किया और क्षेत्रीय प्रबंधक को ज्ञापन सौंपा।

बैंक टैक्स का बोझ कर्मचारियों पर डाल रहा – सुधीर शुक्ला

ऑफिसर्स एसोसिएशन गोंडा क्षेत्र के अध्यक्ष सुधीर शुक्ला ने बताया कि देश के कई अन्य बैंक इस सुविधा कर का भार कर्मचारियों पर नहीं डालते, बल्कि स्वयं वहन करते हैं। लेकिन प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक इसके विपरीत अपने कर्मचारियों के वेतन से यह कर काट रहा है, जिससे बैंक कर्मियों में भारी रोष है।

उन्होंने आगे कहा कि बैंक प्रबंधन को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए, अन्यथा कर्मचारियों को कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

बैंक कर्मियों की एकजुटता – 100 से अधिक कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल

गुरुवार को हुए प्रदर्शन में 100 से अधिक बैंक कर्मचारी शामिल हुए। प्रदर्शन का नेतृत्व ऑफिसर्स एसोसिएशन गोंडा क्षेत्र के अध्यक्ष सुधीर शुक्ला, सचिव अभिषेक सिंह एवं उपाध्यक्ष केके पाण्डेय ने किया।

ऑफिसर्स एसोसिएशन गोंडा क्षेत्र के सचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि यदि बैंक ने जल्द से जल्द इस कर का भार स्वयं वहन करने का निर्णय नहीं लिया, तो 15 मार्च 2025 को बैंक कर्मचारी एकदिवसीय हड़ताल पर जाएंगे। यदि इसके बाद भी कोई समाधान नहीं निकलता है, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर विचार किया जाएगा।

बैंक कर्मियों का कहना है कि पहले से ही महंगाई और बढ़ती जिम्मेदारियों के कारण जीवनयापन कठिन हो गया है, ऐसे में बैंक द्वारा वेतन से सुविधा कर की कटौती करना अन्यायपूर्ण है। कर्मचारियों ने मांग की है कि अन्य बैंकों की तरह प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक भी इस कर को स्वयं वहन करे ताकि बैंक कर्मचारियों को आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े। यदि बैंक प्रबंधन जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तो इस विरोध प्रदर्शन का असर बैंकिंग सेवाओं पर भी देखने को मिल सकता है।

 

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