फार्मासिस्टों की 24 सूत्रीय मांगों को लेकर देवी पाटन मंडल में जोरदार प्रदर्शन, सरकार को सौंपा ज्ञापन
प्रदीप मिश्रा, वरिष्ठ संवाददाता

Gonda News :

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के आह्वान पर देवी पाटन मंडल के फार्मासिस्टों ने सोमवार को अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। मंडल के जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के सभी फार्मासिस्टों ने इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया। यह प्रदर्शन मंडल के अपर निदेशक स्वास्थ्य कार्यालय के सामने आयोजित किया गया, जहां फार्मासिस्टों ने अपनी 24 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन सौंपा।

धरने का नेतृत्व कर रहे डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष सालिक राम त्रिपाठी ने बताया कि फार्मासिस्टों की मुख्य मांगों में पद नाम बदलने, ब्लड बैंक में कार्यरत फार्मासिस्टों के कार्यों का स्पष्ट निर्धारण, और पदोन्नति प्रक्रिया में सुधार शामिल है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

एसोसिएशन के पूर्व मंडल प्रवक्ता सुधांशु मिश्र ने कहा कि मंडल के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में फार्मासिस्टों के कई पद खाली पड़े हुए हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही हैं। उन्होंने मांग की कि इन रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति की जाए। इसके साथ ही उन्होंने प्रत्येक ट्रॉमा सेंटर में फार्मासिस्ट के तीन और चीफ फार्मासिस्ट के दो पदों के सृजन की आवश्यकता जताई।

30 जनवरी तक मांगें न मानी गईं तो होगा बड़ा प्रदर्शन
एसोसिएशन के सदस्य कुलदीप मणि त्रिपाठी ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर 30 जनवरी तक विचार नहीं किया गया तो स्वास्थ्य निर्देशक के कार्यालय के सामने एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। यदि इसके बाद भी समाधान नहीं निकला, तो पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन किया जाएगा।

धरने में बड़ी संख्या में फार्मासिस्ट शामिल हुए, जिनमें प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष सालिक राम त्रिपाठी, घनश्याम पांडेय, सुधीर शुक्ला, मनीष उपाध्याय, अवधेश त्रिपाठी, कुलदीप मणि त्रिपाठी, प्रदीप ओझा, सुधाकर पांडेय और अब्दुल खालिक उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में सरकार से उनकी मांगों को शीघ्र पूरा करने की अपील की।
फार्मासिस्टों का यह प्रदर्शन न केवल उनकी मांगों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए था, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

फार्मासिस्टों ने एकता का प्रदर्शन करते हुए यह भी कहा कि उनकी मांगें पूरी होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने सरकार से जल्द समाधान की उम्मीद जताई ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें।

 

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