*ब्लैकआउट मॉकड्रिल का सफल आयोजन, जिलाधिकारी नेहा शर्मा की निगरानी में आपदा प्रतिक्रिया का परीक्षण — बमबारी जैसी स्थिति से निपटने का अभ्यास*
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News

गोंडा: जनपद के शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह इंटर कॉलेज परिसर में बुधवार को ब्लैकआउट मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता व निगरानी में आयोजित इस अभ्यास में बमबारी जैसी आपात स्थिति के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया और बचाव उपायों को परखा गया।

मॉकड्रिल की शुरुआत एक फर्जी “ब्लास्ट” की सूचना से हुई, जिसके बाद पूरे परिसर की विद्युत आपूर्ति रोकी गई और ब्लैकआउट की स्थिति उत्पन्न की गई। घटनास्थल पर मौजूद सभी प्रतिभागियों को तत्काल सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाया गया। छात्रों और स्टाफ को crouch पोज़िशन में नीचे झुककर सुरक्षित क्षेत्र में स्थानांतरित किया गया।

आपातकालीन सेवाओं की सक्रियता का परीक्षण करते हुए फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस बल ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। घायलों की पहचान की गई और एम्बुलेंस के माध्यम से उन्हें पास के अस्पताल पहुंचाया गया, जहां मेडिकल टीम ने तत्काल प्राथमिक उपचार प्रदान किया।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा स्वयं पूरे अभ्यास स्थल पर मौजूद रहीं और हर विभाग की कार्रवाई को गहनता से परखा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया, पुलिस की स्थिति नियंत्रण व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा बल के निर्देशों को सराहते हुए कहा,
“ऐसे अभ्यास हमारी टीमों को न केवल तैयार करते हैं, बल्कि जनता को भी सतर्क रहने का अभ्यास कराते हैं।”

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि स्कूलों, कॉलेजों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में नियमित अंतराल पर इस तरह के अभ्यास कराए जाएं ताकि ज़मीनी स्तर पर तैयारियों को मज़बूती मिल सके।

 

प्रमुख बिंदु – मॉकड्रिल के दौरान की गई कार्रवाइयाँ:

ब्लैकआउट स्थिति के तुरंत बाद सुरक्षित स्थानों की पहचान कर लोगों को वहां पहुंचाया गया।

बमबारी जैसी स्थिति का सायरन बजाया गया, जिससे सभी सतर्क हो गए।

घायलों की पहचान कर तुरंत एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया।

दमकल विभाग ने आग लगने की स्थिति का अभ्यास किया।

पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर भीड़ नियंत्रण का अभ्यास किया।

नागरिक सुरक्षा दल ने माइक के माध्यम से दिशा-निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने मॉकड्रिल के अंत में सभी विभागों की टीमों को बधाई दी और नागरिकों के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि “ऐसे समन्वित अभ्यास ही वास्तविक संकट की घड़ी में जीवन रक्षक सिद्ध होते हैं।

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