समन्वय अखिल भारतीय कला शिविर का हुआ भव्य शुभारंभ।
लखनऊ:समन्वय नाम से आयोजित ये शिविर एक अदभुत प्रयोग है जो प्राचीन भारतीय परंपरओं और जनजातीय कलाओं के साथ समकालीन कलाओं को एक साथ लेकर प्रारम्भ किया गया है। निश्चित ही इस कला शिविर में कुछ नए आयाम स्थापित होंगे जो समकालीन कला को नई दिशा देने में सक्षम हो सकते हैं क्योंकि कला में देखना और बिंदुओं को या अन्य प्रतीकों को कलाकार प्रकृति से ही लेता है। प्रकृति एक विशाल पाठशाला है। जिससे कोई भी कलाकार अछूता नहीं है। प्रतिभागी कलाकारों ने अपने वक्तव्य में इसे स्वीकारा भी है। इस शिविर के माध्यम से जो कृतियाँ रचित होंगी उनको देखने के पश्चात ही एक निश्चित धारणा स्थापित हो सकेगी। उक्त उदगार वृहस्पतिवार को जेनेसिस क्लब , ग्रैंड रोज़ कोटजेज़ , जेनेसिस क्लब कंपाउंड नियर अटल क्लब , कुर्सी रोड लखनऊ में शीर्षक ” समन्वय ” अखिल भारतीय चित्रकला शिविर में आये मुख्य अतिथि प्रदेश के वरिष्ठ कलाकार , इतिहासकार एवं कला समीक्षक श्री अखिलेश निगम ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए शिविर के कोऑर्डिनेटर भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि शिविर के उदघाटन समारोह में देश के अनेक प्रान्तों से आये पद्मश्री एवं राष्ट्रीय कलाकारों का स्वागत मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। साथ ही शिविर का शुभारंभ एक कैनवास पर कलाकारों ने अपने हस्ताक्षर करते हुए किया। ज्ञातव्य हो कि ऐसा कला शिविर प्रदेश में पहली बार आयोजित किया गया जिसमे पद्मश्री और राष्ट्रीय पुरस्कृत कलाकार एक साथ शामिल हुए। इस अवसर पर सभी कलाकारों ने अपने परिचय देते हुए इस शिविर की भूरी भूरी प्रसंशा किया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य भारतीय लोककलाओं और समकालीन कलाओं को एक साथ एक मंच पर प्रोत्साहित करना है। शिविर के क्यूरेटर डॉ वंदना सहगल हैं उन्होंने इस शिविर के माध्यम से दृश्यकला के विधाओं को एक साथ जोड़ने का सफल प्रयास किया।
हिमांचल प्रदेश से आये कांगड़ा शैली में प्राप्त पद्मश्री विजय शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन होने चाहिए ताकि समकालीन कला के साथ साथ भारत की लोक कला को भी प्रोत्साहन मिल सके। मध्यप्रदेश से आये गोंड शैली के चित्रकार पद्मश्री भज्जू श्याम ने कहा कि लखनऊ में हो रहे ऐसे आयोजन के माध्यम से पहली बार आना हुआ। साथ ही मध्यप्रदेश से आई हुई पिथौरा चित्र शैली में प्राप्त पद्मश्री भूरी बाई ने आप के कला यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि भोपाल में मजदूरी करते हुए कला के प्रति समर्पित भाव के चलते आज कला के क्षेत्र में सम्मान प्राप्त हुआ। और आज इस शिविर में आने का अवसर प्राप्त हुआ। राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित कलाकारों ने भी अपने अपने भाव शब्दों और अपनी रंगों और रेखाओं के माध्यम से इस शिविर को शुरू किया।
भूपेंद्र अस्थाना ने बताया कि यह शिविर 16 जनवरी तक होगी। इस दौरान सृजित कलाकृतियों की प्रदर्शनी 16 जनवरी को लखनऊ स्थित सराका आर्ट गैलरी में लगाई जाएगी। नगर के सभी कला प्रेमी सादर आमंत्रित होंगे । कोविड कि नियमानुसार इस प्रदर्शनी का अवलोकन भी कर सकते हैं।
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