हिंदू-मुस्लिम एकता के समर्थक रहे हैं मसूद आलम खां,
बाबा सुनील पुरी जी के कहने पर कराया था मंदिर मार्ग व परिसर का सौंदर्यीकरण, समाजवादी नेता ने निजी व्यय से कराया कार्य
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोंडा, 16 जून 2025। मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना—इसी सोच को जमीन पर उतारते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व लोकसभा प्रत्याशी मसूद आलम खां ने सामाजिक सौहार्द और गंगा-जमुनी के बरकरार रहने के पैरोकार हैं।
करनैलगंज क्षेत्र स्थित बाबा बरखंडी नाथ मंदिर शिवलिंग पीठ के महंत बाबा सुनील पुरी जी महाराज के आग्रह पर मंदिर के परिक्रमा मार्ग, संपर्क मार्ग सीसी रोड और सौंदर्यीकरण कार्य को समाजवादी नेता मसूद आलम खां ने अपने निजी व्यय से पूर्ण कराया।
यह कार्य न केवल धार्मिक आस्था के सम्मान का प्रतीक है, बल्कि क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिम एकता को और भी मजबूती देने वाला कदम साबित हो रहा है।
बाबा सुनील पुरी जी और मसूद आलम खां की मुलाकात एक शादी समारोह में हुई थी, जहां दोनों के बीच मंदिर विकास को लेकर चर्चा हुई थी। इस चर्चा के बाद मसूद खां ने बिना किसी राजनीतिक उद्देश्य के, सिर्फ सद्भाव और आस्था के सम्मान में यह कार्य कराने का संकल्प लिया और उसे पूरा भी किया। स्थानीय श्रद्धालुओं और ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना की है। लोगों का कहना है कि मसूद खां जैसे नेताओं की सोच ही समाज को जोड़ती है, तोड़ती नहीं। मसूद आलम खां लंबे समय से सामाजिक समरसता और सद्भाव के पैरोकार रहे हैं। उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों से यह संदेश दिया है कि मजहब को नहीं, मोहब्बत को पहचानो।
उनकी यह पहल न सिर्फ धार्मिक सौहार्द का प्रतीक बनी है, बल्कि गोंडा जनपद के राजनीतिक-सामाजिक वातावरण में एक सकारात्मक उदाहरण के रूप में भी उभरी है।



