DM Neha Sharma ने पोलिंग पार्टी में शामिल महिला कर्मियों के लिए की अनूठी पहल
निर्वाचन ड्यूटी के दौरान महिला कर्मियों और उनके बच्चों के लिए की गई ये व्यवस्था प्रदेश क्या पूरे देश के लिए होगा एक नज़ीर
जनपद और तहसील मुख्यालयों पर होगी क्रेश की व्यवस्था करने के लिए कसरत हुआ शुरू
डीएम ने बीएसए और डीपीओ को सौंपी जिम्मेदारी
19 और 20 मई के लिए की गई विशेष व्यवस्था, बच्चों के लिए रात में रुकने का भी होगा इंतजाम
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News :

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने लोकसभा निर्वाचन 2024 में ड्यूटी कर रही महिला कर्मचारियों के लिए एक अनूठी पहल की है। प्रदेश क्या पूरे देश के लिए एक नजीर साबित होगा। पोलिंग पार्टी में सम्मिलित ऐसी महिला कर्मचारी जिसके बच्चे छोटे हैं, उनको संभालने की जिम्मेदारी भी अब जिला प्रशासन उठाएगा। इसके लिए जनपद और तहसील मुख्यालयों पर क्रेश की व्यवस्था की जा रही है। यह व्यवस्था 19 और 20 मई के लिए की गई है। खास बात यह है कि इन क्रेश में बच्चों के लिए रात में रुकने की भी व्यवस्था की जाएगी। यह पहली बार है जब जनपद में इस तरह की पहल की गई है। जिलाधिकारी की ओर से गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।

जनपद में आगामी 20 मई को लोक सभा के लिए मतदान सम्पन्न होना है। इस दौरान 15 हजार से ज्यादा कर्मचारी मतदान कराने की जिम्मेदारी संभालेंगे। समस्त पोलिंग पार्टी अपने अपने बूथ पर 19 मई को पहुंच जाएंगी तथा मतदान के उपरान्त 20 मई को सांयकाल/रात्रि में मुख्यालय वापस पहुंचेंगी।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि पोलिंग पार्टी में कई ऐसी महिला कर्मचारी भी सम्मिलित हैं जिनके बच्चे छोटे हैं। निर्वाचन ड्यूटी के दौरान उनके बच्चों की देखरेख के लिए जनपद मुख्यालय तथा तहसील मुख्यालय पर 19 और 20 मई के लिए पालन घर स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इन क्रेश में छोटे बच्चों को रखने, उनकी देखभाल से लेकर खानपान से संबंधित सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि क्रेश को ऐसी जगह पर स्थापित कराया जाएगा, जहां पेयजल, विद्युत, प्रसाधन आदि संबंधित मूलभूत सुविधाएं अच्छी स्थिति में हों। प्राइवेट स्कूल को इसमें शामिल किया जा सकता है। यहां एक चतुर्थी श्रेणी महिला कर्मचारी के साथ आंगनबाड़ी सहायिकाओं की तैनाती की जाएगा। उन्होंने बताया कि बाल विकास विभाग के सुपरवाइजर्स एवं बेसिक शिक्षा विभाग से निर्वाचन दायित्व से मुक्त महिला टीचर्स इसकी देखरेख करेंगी। जिलाधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी को इस संबंध में व्यवस्था सुनिश्चित कर तीन दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

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