*डीएम ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में संदिग्ध आवेदनों पर बैठाई जांच*
*विकासखंड बेलसर में फर्जी दस्तावेजों के सहारे आवेदन की शिकायतों पर की गई सख्त कार्रवाई*
*डीपीओ और बीडीओ बेलसर को निर्देश, सीएससी संचालकों की सूची साइबर सेल/स्थानीय थाने को सौंपने के आदेश*
फर्जी आवेदनों पर डीएम की सख्त कार्रवाई, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में जांच के आदेश
संदिग्ध आवेदनों की भरमार, जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने उठाया सख्त कदम
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोंडा: मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लेने की कोशिशें अब भारी पड़ने वाली हैं। गोंडा जिले के विकासखंड बेलसर में भारी संख्या में संदिग्ध आवेदनों के सामने आने के बाद जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कड़ा रुख अपनाते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। स्थानीय प्रशासन ने इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए साइबर सेल को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी है, ताकि फर्जीवाड़े में संलिप्त लोगों का पर्दाफाश किया जा सके।
जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि योजना में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी व्यक्ति इस योजना का अनुचित लाभ उठाने की कोशिश करेगा, उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) और खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) बेलसर को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि सीएससी संचालकों की सूची साइबर सेल और स्थानीय थाने को सौंप दी जाए। यह कदम उन केंद्रों पर निगरानी बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिनके जरिए यह फर्जी आवेदन किए जा रहे हैं।
फर्जी दस्तावेजों पर योजना का लाभ लेने की कोशिश, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
गोंडा प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि जांच में कोई आवेदक दोषी पाया जाता है, तो उस पर कानूनी शिकंजा कसा जाएगा। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि जो भी व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ ले रहा है, उसे न सिर्फ योजना से बाहर किया जाएगा बल्कि उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
इस पूरे मामले में सीएससी संचालक भी प्रशासन की नजरों में हैं। यदि जांच में किसी सीएससी संचालक की मिलीभगत सामने आती है, तो उसके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस कदम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का सही लाभ केवल उन लोगों तक पहुंचे, जो इसके असली हकदार हैं। साथ ही, प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से फर्जी दस्तावेजों के जरिए लाभ उठाने की प्रवृत्ति पर भी लगाम कसी जा सकेगी।
साइबर सेल की जांच शुरू, प्रशासन ने उठाए बड़े कदम
जिलाधिकारी ने साइबर सेल को निर्देश दिया है कि वह सभी सीएससी संचालकों की जांच करें और उनके रिकॉर्ड की गहन समीक्षा करें। अगर किसी भी संचालक की संलिप्तता पाई जाती है, तो उसे भी कानून के कठघरे में खड़ा किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्रों तक ही पहुंचे।
प्रशासन की इस सख्ती के बाद इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। फर्जीवाड़े में शामिल लोग अब अपनी पकड़े जाने की आशंका से डर रहे हैं। इस बीच, जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि वे योजना के लाभ के लिए कोई भी फर्जी दस्तावेज न बनवाएं, अन्यथा उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
जनता में जागरूकता फैलाने का प्रयास
इसके अलावा, प्रशासन ने आम जनता के बीच जागरूकता फैलाने की भी योजना बनाई है। लोगों को जागरूक किया जाएगा कि वे सही दस्तावेजों के साथ ही आवेदन करें और किसी भी धोखाधड़ी का हिस्सा न बनें। धोखाधड़ी करने वाले लोगों और भ्रष्ट सीएससी संचालकों के खिलाफ यह कड़ी कार्रवाई प्रशासन की इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
डीएम नेहा शर्मा के इन सख्त कदमों से यह साफ संदेश गया है कि प्रशासन किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े के खिलाफ पूरी तरह से मुस्तैद है।



