गोण्डा जिला महिला अस्पताल में एसएनसीयू का किया गया विस्तार, अब हुए 21 बेड, जहां पर नवजातों को मिलेगा बेहतर इलाज
ऑक्सीजन, पल्स ऑक्सीमीटर, फोटो थेरेपी और अन्य सुविधाओं से लैस है SNCU
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोण्डा। जिला महिला अस्पताल में स्थित स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। अब यहां कुल 21 बेड पर नवजातों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। इनमें 18 वार्मर बेड और 3 फोटो थेरेपी बेड शामिल हैं। हालांकि, बढ़ी हुई क्षमता के बावजूद बेडों की कमी बनी हुई है। वर्तमान में सभी बेड पूरी तरह भरे हुए हैं, जिससे 15 नवजातों को एमसीएच विंग के विभिन्न वार्डों में गहन निगरानी में रखा गया है।
पहले 10 बेड की थी कुल सुविधा, एक बेड पर भर्ती किए जाते थे दो नवजात
जिला महिला अस्पताल में पहले 10 बेड का SNCU संचालित था, जिसमें कम वजन और अन्य बीमारियों से ग्रसित नवजातों को भर्ती किया जाता था। बेड की कमी के चलते पहले एक बेड पर दो नवजातों को रखना पड़ता था या परिजनों को गोद में बैठाकर इलाज कराना पड़ता था। ऐसे में नवजातों को नर्सिंग होम में महंगे इलाज के लिए भेजने की मजबूरी थी।
आधुनिक सुविधाओं से लैस है SNCU, ऑक्सीजन प्लांट खराब होने से 25 सिलेंडर की होती रोजाना खपत
SNCU में इलाज के लिए ऑक्सीजन, पल्स ऑक्सीमीटर, फोटो थेरेपी, इन्फ्यूजन पंप और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके लिए एक अलग ऑक्सीजन प्लांट भी लगाया गया है, जिससे निर्बाध रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। हालांकि, वर्तमान में यह प्लांट खराब हो गया है, जिससे रोजाना 25 बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत हो रही है। पहले लखनऊ से सप्लाई हफ्ते में एक बार आती थी, लेकिन अब हर दिन सिलेंडर मंगवाने की जरूरत पड़ रही है।
इस संबंध में सीएमएस डॉ. देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि SNCU की क्षमता बढ़ा दी गई है, जिससे नवजातों को बेहतर इलाज मिल रहा है। ऑक्सीजन प्लांट की मरम्मत के लिए संबंधित फर्म को सूचना दी गई है।
चिकित्सकीय स्टाफ की हुई तैनाती: 5 विशेषज्ञ डॉक्टर और 12 स्टाफ नर्सें
बेहतर इलाज और देखभाल के लिए SNCU में 5 बाल रोग विशेषज्ञ—डॉ. शंकर दयाल, डॉ. रामलखन, डॉ. परवेज इकबाल, डॉ. पुरुषार्थ शुक्ला और डॉ. रविशंकर त्रिपाठी की तैनाती की गई है। इनके साथ 12 स्टाफ नर्स, 6 वार्ड आया और 3 सिक्योरिटी गार्ड भी SNCU में सेवाएं दे रहे हैं।
बाहर के नर्सिंग होम में इलाज है महंगा, SNCU में है सस्ते और बेहतर इलाज के बंदोबस्त
SNCU में बेड की कमी के कारण पहले कई नवजातों को बाहर के नर्सिंग होम में रेफर करना पड़ता था, जहां परिजनों को प्रति 24 घंटे 5,000 से 6,000 रुपये तक खर्च करने पड़ते थे। अब SNCU के विस्तार के बाद जिला अस्पताल में ही नवजातों को अत्याधुनिक और किफायती इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे परिजनों को बड़ी राहत मिली है।
लोगों का कहना है कि SNCU का विस्तार नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे जिला महिला अस्पताल में इलाज की सुविधाएं और बेहतर होंगी।

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