बच्चों को निपुण शिक्षार्थी बनाने से ही विकसित राष्ट्र की संकल्पना होगी साकार
खंड संसाधन केंद्र झंझरी में शिक्षकों का 24 दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News *
निपुण भारत मिशन के तहत बुनियादी भाषा एवं गणितीय दक्षताओं के विकास हेतु झंझरी के ब्लॉक संसाधन केंद्र में 24 दिवसीय व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में न केवल बच्चों को निपुण बनाना है, बल्कि विकसित राष्ट्र की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाना भी है। प्रशिक्षण में विकासखंड झंझरी के सभी प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों और शिक्षामित्रों ने भाग लिया और छह चरणों में विद्यालयों को निपुण बनाने की रणनीतियों से अवगत हुए।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य यह था कि प्रत्येक बच्चा बुनियादी भाषायी और संख्यात्मक दक्षता को अपने स्तर के अनुसार हासिल कर सके। यह न केवल बच्चों की व्यक्तिगत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वर्णित विकसित राष्ट्र की संकल्पना को साकार करने की दिशा में भी आवश्यक है। प्रशिक्षकों ने विशेष रूप से जोर दिया कि बच्चों को प्रारंभिक कक्षाओं से ही इस प्रकार की शिक्षण रणनीतियों के माध्यम से सक्षम बनाया जाए, जिससे वे आगे चलकर एक विकसित समाज और राष्ट्र का निर्माण करने में योगदान दे सकें।
प्रशिक्षण का संचालन पांच प्रमुख प्रशिक्षकों द्वारा किया गया, जिनमें अशोक सिंह, मोहम्मद अनीस, राहुल देव वर्मा, सौरभ गुप्ता और संजीव मिश्रा प्रमुख थे। प्रशिक्षक मोहम्मद अनीस ने एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित नवीन भाषा एवं गणित पाठ्यपुस्तकों पर विस्तार से चर्चा की और उनके प्रयोग के तरीकों पर विचार साझा किए।
राहुल देव वर्मा ने भाषा और गणित शिक्षण के वार्षिक, साप्ताहिक और दैनिक योजनाओं पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार एक सुनियोजित और क्रमबद्ध रणनीति से बच्चों को प्रभावी रूप से शिक्षित किया जा सकता है।
सौरभ गुप्ता ने चार खंडीय मॉडल, जिसे GRR (Gradual Release of Responsibility) कहा जाता है, को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार इस मॉडल के माध्यम से बच्चों की जिम्मेदारी को क्रमबद्ध तरीके से बढ़ाया जाता है, जिससे वे आत्मनिर्भर और निपुण शिक्षार्थी बन सकें। इसके अलावा, उन्होंने प्रभावी कक्षा-शिक्षण की तकनीकों पर भी चर्चा की।
संजीव मिश्रा ने शिक्षकों के साथ आकलन, पुनरावृत्ति और रिमीडियल कार्य पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने बताया कि बच्चों के प्रदर्शन को लगातार ट्रैक करने के लिए किस प्रकार भाषा और गणित के ट्रैकर्स का उपयोग किया जा सकता है।
प्रशिक्षक अशोक सिंह ने भाषा और गणित की शिक्षक संदर्शिका की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार संदर्शिका शिक्षकों को प्रभावी शिक्षण योजना बनाने में मदद करती है, जिससे बच्चों के सीखने की गति और क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
खंड शिक्षा अधिकारी समय प्रकाश पाठक ने प्रशिक्षण के दौरान समय-समय पर प्रतिभागियों को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने विभाग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों को विस्तार से समझाया और इस मिशन को सफल बनाने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित किया।
प्रशिक्षण में विकासखंड झंझरी के विभिन्न विद्यालयों से शिक्षक और शिक्षामित्रों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। इनमें मोहम्मद रईस, नेहा, खुशबू, हफ़सा, अर्चना, अनिल पांडे, श्वेता, परवीन, दिलीप, काजी अतीकुर्रहमान, अतुल, निधि, राहुल मिश्रा समेत दर्जनों शिक्षक उपस्थित रहे।
यह 24 दिवसीय प्रशिक्षण शिक्षकों और शिक्षामित्रों के लिए बेहद लाभकारी रहा। यह न केवल उनकी पेशेवर दक्षताओं को निखारने में सहायक रहा, बल्कि उनके अंदर बच्चों के सर्वांगीण विकास के प्रति नई ऊर्जा का संचार भी हुआ।
निपुण भारत मिशन के तहत इस तरह के प्रयास यह सुनिश्चित करते हैं कि बच्चे प्राथमिक शिक्षा से ही मजबूत बुनियाद पर शिक्षित हों। यह प्रशिक्षण इस मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ और इसका उद्देश्य स्पष्ट रूप से विकसित राष्ट्र की ओर अग्रसर होने के लिए आवश्यक है।



