भ्रष्टाचार की शिकायत पर मंडलायुक्त ने गठित की तीन सदस्यीय जांच समिति*
 धन की बंदरबाट की शिकायत पर आयुक्त ने गठित की तीन सदस्यीय जांच कमेटी*
 सभापति की शिकायत पर आयुक्त ने गठित की जांच कमेटी*
 भ्रष्टाचार के आरोपो की जांच के लिए आयुक्त में गठित की जांच कमेटी*
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News :

देवीपाटन मण्डल, गोण्डा । बाढ़ कार्यों में हुए कथित भ्रष्टाचार और अधोमानक कार्यों को लेकर उन्नाव के सदर विधायक पंकज गुप्ता  विधान सभा क्षेत्र 165, सदर उन्नाव, सभापति (प्रदेश के स्थनीय निकायों के लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों की जाँच सम्बन्धी समिति) के आयुक्त देवीपाटन मण्डल को भेजे गये पत्र पर मंडलायुक्त देवीपाटन मंडल शशि भूषण लाल सुशील ने तत्काल कार्यवाही करते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया है।

सभापति ने मण्डलायुक्त को दिये अपने शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि गण्डक बाढ़ मंडल बस्ती के अधीक्षण अभियंता सुरेन्द्र मोहन वर्मा ने ठेकेदारों से मिलीभगत करके बाढ़ के अधोमानक कार्य करवाए, जिसके कारण सरकारी धन की भारी बर्बादी हुई। विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि अभियंता ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ठेकेदारों से अनुचित तरीके से कमीशन लेकर राजकीय धन का गबन किया तथा अपने अधीनस्थ खण्डों में कर्मचारियों से साथ गांठ करके मासिक वेतन में घपला करके धन का बंदरबांट किया है।

शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया कि विक्रमजोत ब्लॉक के अंतर्गत विक्रमजोत तटबंध की सुरक्षा हेतु बनाए गए स्पर और लॉन्चिंग एप्रन में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया, जिससे कई जगहों पर यह कार्य क्षतिग्रस्त हो चुका है। विधायक द्वारा आरोप लगाया गया है कि अधीक्षण अभियंता ने एग्रीमेंट करते समय संबंधित ठेकेदार से मोटी रकम वसूली है अभियंता इस ठेकेदार के साथ मिलकर पार्टनरशिप में ठेकेदारी करते हैं जिस ठेकेदार ने बाढ़ जैसे संवेदनशील कार्य को घटिया क्वालिटी का कराकर सरकारी धन की वृहद स्तर पर लूट की है। अधीक्षण अभियंता ने अपने संवैधानिक पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी धन की बंदरबाट की है

भ्रष्टाचार की शिकायत पर मंडलायुक्त द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी में संयुक्त विकास आयुक्त देवीपाटन मंडल, अधीक्षण अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, परिमंडल देवीपाटन मंडल, प्राविधिक परीक्षक प्राविधिक संपरीक्षा प्रकोष्ठ देवीपाटन मंडल को सदस्य नामित किया गया है। समिति सूक्ष्म और गहन जांच कर 15 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। शिकायत में सुरेन्द्र मोहन वर्मा के पास कई बंगलों और महंगी गाड़ियों के मालिक होने का भी आरोप लगाया गया है, जो कथित रूप से भ्रष्टाचार के माध्यम से अर्जित की गई संपत्ति बताई गई है। इस प्रकरण की भी गहन जांच कराए जाने की मांग की गई है।

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