योग दिवस पर जिला आबकारी अधिकारी ने बताया – योग है भारतीय संस्कृति का अमूल्य उपहार
मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक संतुलन का अद्भुत माध्यम है योग
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News

गोंडा, 21 जून 2025।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जिला आबकारी अधिकारी प्रगल्भ लवानिया ने योग को भारतीय संस्कृति का अमूल्य उपहार बताते हुए कहा कि यह न सिर्फ शरीर को स्वस्थ, सुंदर और आकर्षक बनाता है, बल्कि विभिन्न प्रकार की व्याधियों से भी रक्षा करता है। योग मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक तीनों रूपों में अत्यंत प्रभावशाली क्रिया है, जिसे अपनाकर हम जीवन में संतुलन और सकारात्मकता ला सकते हैं।

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने स्वयं योगाभ्यास कराते हुए उपस्थित लोगों को इसके लाभों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि योग व्यक्ति के मस्तिष्क और शरीर की एकता को संगठित करता है तथा मन को शांत रखने में सहायक होता है, जिससे लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करना आसान होता है।

उन्होंने बताया कि योग शब्द का अर्थ ही “जोड़ना” है — अर्थात् आत्मा का परमात्मा से, मनुष्य का प्रकृति से और समाज का आपसी प्रेम और सद्भाव से जुड़ाव। उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया तनाव और अलगाव की ओर बढ़ रही है, ऐसे समय में योग ही वह माध्यम है जो प्रेम, एकता और स्वास्थ्य का संदेश देता है।

प्रगल्भ लवानिया ने योग के विभिन्न आसनों, उनकी विधियों और उससे होने वाले लाभों की भी जानकारी दी। कार्यक्रम में भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे और उन्होंने पूरे उत्साह से योगाभ्यास में भाग लिया।

 

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