स्थायीकरण की उम्मीदों पर टिकी निगाहें, संविदा मुख्य सेविकाओं की बढ़ी हुई है नाराजगी
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News :

गोंडा। नई मुख्य सेविकाओं की तैनाती प्रक्रिया तेज होने के साथ ही संविदा मुख्य सेविकाओं की नाराजगी गहराती जा रही है। बीते 22 वर्षों से सेवा विस्तार के भरोसे काम कर रही संविदा मुख्य सेविकाओं का कहना है कि सरकार ने यदि इस बार भी उनकी अनदेखी की, तो वे सड़क से लेकर विधानसभा तक आंदोलन करने को मजबूर होंगी।

“अनुभव को नज़रअंदाज करना अन्याय”

संविदा मुख्य सेविकाओं का साफ कहना है कि विभागीय योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुँचाने में उनका योगदान असंदिग्ध रहा है। “जब हमारे ही प्रशिक्षित और अनुभवी स्टाफ की जगह नई भर्ती की जा रही है, तो यह हमारे अनुभव के साथ अन्याय है,” संगठन पदाधिकारियों का कहना है।

27 अगस्त नियुक्ति पत्र वितरण पर टिकी निगाहें

सरकार ने 27 अगस्त को 2500 से अधिक नई मुख्य सेविकाओं को नियुक्ति पत्र देने का ऐलान किया है। यही तारीख अब संविदा मुख्य सेविकाओं के लिए भी निर्णायक मानी जा रही है। संगठन के अनुसार यदि उसी दिन स्थायीकरण को लेकर सकारात्मक घोषणा नहीं हुई तो आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा।

वेतन व मानदेय के बिना एक बार फिर से नौकरी

संविदा मुख्य सेविकाओं का कहना है कि 31 जुलाई के बाद से उनका सेवा विस्तार लटका हुआ है, जिसकी वजह से मानदेय भी बंद हो गया है। परिवार पालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। “हमसे सेवा तो ली जाती है, लेकिन बदले में सिर्फ़ इंतजार और आश्वासन मिलता है,” एक संविदा मुख्य सेविका ने व्यथा साझा की।

“सरकार चाहे तो खत्म हो सकती है कार्मिकों की वेदना”

संगठन ने स्पष्ट कहा है कि संविदा मुख्य सेविकाओं को रिक्त स्थायी पदों पर समायोजित करने में कोई वैधानिक अड़चन नहीं है। “सरकार चाहे तो संविदा मुख्य सेविकाओं की वेदना तुरंत खत्म हो सकती है। हम सिर्फ न्याय और स्थायीकरण चाहते हैं,” संगठन की ओर से बयान दिया गया।

.. तो संघर्ष की राह पकड़ेंगे कर्मचारी

सूत्रों के अनुसार, संगठन ने प्रदेश स्तर पर सभी जिलों की इकाइयों को अलर्ट कर दिया है। यदि स्थायीकरण की मांग पूरी नहीं होती तो प्रदेश भर में एकजुट होकर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *