खाद वितरण में पारदर्शिता व जवाबदेही प्राथमिकता : सहायक निबंधक सहकारिता
गोंडा के मनकापुर क्षेत्र की बी-पैक्स समितियों का निरीक्षण, निर्धारित मूल्य पर बिना टैगिंग मिल रही यूरिया
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोंडा, 19 जुलाई 2025।
जिले में किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से पारदर्शी एवं सुचारू ढंग से खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराए जाने के उद्देश्य से सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता रविशंकर चौधरी ने शनिवार को तहसील मनकापुर के अंतर्गत विकास खंड मनकापुर, छपिया एवं बभनजोत क्षेत्र की कई बी-पैक्स समितियों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण का उद्देश्य समितियों पर खाद वितरण की वास्तविक स्थिति और किसानों को होने वाली समस्याओं की जानकारी लेना था।
निरीक्षण के दौरान सहायक निबंधक ने बी-पैक्स मनकापुर, बल्लीपुर, बीरापुर, हथियागढ़, खम्हरिया नौडीहा और सिसहनी समितियों में यूरिया वितरण की व्यवस्था को परखा। मौके पर यूरिया की उपलब्धता इस प्रकार पाई गई:
- मनकापुर बी-पैक्स: 108 बोरी
- बल्लीपुर: 250 बोरी
- बीरापुर: 201 बोरी
- हथियागढ़: 150 बोरी
- खम्हरिया नौडीहा: 429 बोरी
- सिसहनी: 200 बोरी
निरीक्षण के दौरान श्री चौधरी ने यूरिया प्राप्त कर रहे किसानों से सीधे संवाद किया। किसानों ने बताया कि उन्हें समिति से निर्धारित मूल्य पर खाद मिल रही है और किसी प्रकार की टैगिंग या दबावपूर्वक अन्य सामग्री खरीदने की शिकायत नहीं है। किसानों ने विभागीय व्यवस्था की सराहना की और संतोष जताया।
सहायक निबंधक सहकारिता रविशंकर चौधरी ने क्या कहा:
“किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से समय से और उचित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि सभी समितियों पर यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता है और वितरण कार्य नियमों के अनुरूप पारदर्शी ढंग से किया जा रहा है। किसानों को बिना किसी टैगिंग के खाद मिल रही है, जो संतोषजनक स्थिति है। हमने समिति प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वितरण रजिस्टर नियमित रूप से अपडेट रखें और हर किसान को समय से खाद प्राप्त हो, यह सुनिश्चित करें।”
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि सभी समितियों में वितरण रजिस्टर अद्यतन हैं और वितरण कार्य निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार संचालित हो रहा है। श्री चौधरी ने संबंधित समिति प्रभारियों से यह भी कहा कि खाद वितरण के समय यदि किसी किसान को कोई असुविधा होती है तो उसकी शिकायत का त्वरित निस्तारण किया जाए।
इस निरीक्षण से साफ हो गया है कि जिले की सहकारी समितियों में खाद वितरण की व्यवस्था सुदृढ़ एवं जवाबदेह है, जिससे किसानों को राहत मिल रही है। विभाग की निगरानी व्यवस्था और समय-समय पर होने वाले निरीक्षण निश्चित ही खरीफ सीजन में खाद संकट की आशंका को समाप्त करेंगे।



