आई कार्ड लर्निंग कॉन्सेप्ट के जरियेसीख रहे है बच्चे।
प्रदीप मिश्रा, वरिष्ठ संवाददाता
Gonda News :
विकासखण्ड हलधरमऊ के प्राथमिक विद्यालय टिकौली में बच्चे आई कार्ड लर्निंग कांसेप्ट के जरिये सीख रहे है। आई कार्ड लर्निंग कॉन्सेप्ट बच्चों के सीखने में काफी मदद कर रहा है। इसको लेकर बच्चे आत्मविश्वास में नजर आये। विद्यालय के प्रधानाध्यापक रणधीर ओझा के द्वारा इस कांसेप्ट को लेकर काम किया जा रहा है, उन्होंने राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त एआरपी राखाराम गुप्ता की उपस्थिति में आईकार्ड कांसेप्ट को लॉन्च करवाया। एआरपी राखाराम गुप्ता ने बताया कि रणधीर ओझा एक सक्रीय और रचनात्मक शिक्षक है, जो बच्चों के बीच अपने नये-नये तरीकों से सिखाने के लिये मशहूर है। आज उन्हीं रचनात्मक तरीकों में से एक आई कार्ड लर्निंग कांसेप्ट को लेकर कई दिनों से उनके द्वारा प्रयास किया जा रहा था। उन्हें पूरा विश्वास है कि अब इस कांसेप्ट से बच्चे और तेज गति से सीख पायेंगे।
क्या है आई कार्ड लर्निंग कांसेप्ट :
रणधीर ओझा ने बताया कि ग्रामीण परिवेश में एक बड़ी समस्या होती है कि बच्चे घर जाने के बाद घरेलू कार्यों में ज्यादा समय बिताते हैं, वही विद्यालीय कार्य को करना भूल जाते है। ऐसे में उनको समय-समय पर क्या सीखना है ? याद आता रहे, इसको लेकर बच्चों को एक आई कार्ड दिया जायेगा, जिसमें विषयवस्तु संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी रहेगी और बच्चों को प्रेरित किया जायेगा कि बच्चे संबंधित प्रकरण को तैयार करें। एआरपी राखाराम गुप्ता ने बताया कि इस कांसेप्ट में बच्चों को एक ही विषय वस्तु को बार-बार पुनरावृत्ति करनी पड़ती है, जिससे आईकार्ड में लिखी या छपी विषयवस्तु बच्चों के मानसपटल पर देर तक रहने के कारण उनको स्थाई तौर पर तैयार हो जाती है। महाकवि तुलसीदास ने कहा भी है- करति-करति अभ्यास ते जड़मति होत सुजान, रसरी आवत-जात ते सिल पर परत निशान।।
आई कार्ड में क्या है?
निपुण भारत मिशन कार्यक्रम लागू होने के बाद आजकल परिषदीय विद्यालयों में भाषा और गणित को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे में कक्षावार बच्चों का लक्ष्य निर्धारित है। कक्षा तीन में यदि भाषा की बात करें तो अनुच्छेद को 60 शब्द प्रति मिनट की प्रवाह से पढ़ कर 75% प्रश्नों को हल करना है। विद्यालय के शिक्षक रणधीर ओझा ने बताया कि निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुये कक्षावार आईकार्ड लर्निंग कांसेप्ट को लागू किया गया है जिसमें अमात्रिक और मात्रिक शब्द, अनुच्छेद, सामान्य ज्ञान के साथ साथ गणित विषय की महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध है। इस दौरान विद्यालय के शिक्षक शलभ श्रीवास्तव, जूही पटेल, अशोक, शमसुन आदि सभी उपस्थित रहे।



