DM Neha sharma के निर्देशन में जिले को हासिल हुई उपलब्धि
आईजीआरएस पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में गोंडा और तरबगंज तहसील प्रदेश भर में शीर्ष स्थान पर
आईजीआरएस रैंकिंग में तरबगंज और गोण्डा तहसील को प्रदेश में पहला स्थान
जनशिकायतों के त्वरित व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में बनी मिसाल
तरबगंज और गोण्डा तहसील को बड़ी उपलब्धि
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News :
दिसंबर 2024 की आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रेवांस रीड्रेसल सिस्टम) रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले की दो तहसीलें तरबगंज और गोण्डा ने पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल कर एक नई मिसाल पेश की। इन तहसीलों ने समयबद्ध और प्रभावी ढंग से जनशिकायतों का निस्तारण कर यह सफलता अर्जित की।
तरबगंज के एसडीएम विशाल कुमार और गोण्डा के एसडीएम अवनीश त्रिपाठी की बेहतर प्रशासनिक योजना एवं नेतृत्व इस कामयाबी के पीछे प्रमुख कारण बने। उनके नेतृत्व में शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया को कुशलतापूर्वक लागू किया गया।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा की सतत निगरानी और सख्त दिशा-निर्देशों ने इस उपलब्धि को साकार करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने प्रशासन को यह निर्देश दिया था कि जनशिकायतों के त्वरित और गुणवत्तापूर्ण समाधान को प्राथमिकता दी जाए।
डीएम के प्रयासों की बदौलत अगस्त 2024 में भी गोण्डा जनपद ने राजस्व वादों के निस्तारण में प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया था। हालांकि, अन्य तहसीलों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा। जिलाधिकारी ने मनकापुर और करनैलगंज तहसीलों के खराब प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों को सुधार के कड़े निर्देश दिए।
हालांकि तरबगंज और गोण्डा तहसील ने शीर्ष स्थान पाया, फिर भी जिले की समग्र रैंकिंग में सुधार की आवश्यकता है। गोण्डा जिला प्रदेश स्तर पर 22वें स्थान पर रहा, जबकि जिले में 92.31% शिकायतों का समाधान किया गया। डीएम ने इसे संतोषजनक बताते हुए शेष तहसीलों को बेहतर प्रदर्शन करने की हिदायत दी है।
तरबगंज और गोण्डा तहसील का यह प्रदर्शन जिले की अन्य तहसीलों के लिए प्रेरणा है। यह इस बात का प्रमाण है कि सही दिशा में कार्य करने और सटीक क्रियान्वयन से सरकारी तंत्र को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। जिलाधिकारी ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि प्रशासन जनशिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
“जनशिकायतों का निस्तारण न केवल तेजी से हो, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी प्राथमिकता होनी चाहिए।”
— नेहा शर्मा, जिलाधिकारी गोण्डा



