प्रदीप मिश्रा वरिष्ठ संवाददाता
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आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश उपमंत्री तृप्ति आर्या के नेतृत्व में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जन्मभूमि नगरी अयोध्या धाम का दर्शन आर्य विद्वानों/सन्यासियों मे आचार्य विवेक शास्त्री,आचार्य वीरेंद्र आर्य,मीरा गुप्ता,भूपेंद्र आर्य के साथ करके इतिहास की चर्चा करते हुए प्रेस भेट वार्ता में जिला आर्य प्रतिनिधि सभा गोंडा प्रधान शास्त्री विनोद आर्य ने मंदिर के लिए आर्यों के त्याग तपस्या का उल्लेख करते हुए कहा भारत वासियों को यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी ने त्रेता युग का एहसास श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाकर सत्य सनातन वैदिक धर्म की रक्षा की इतिहास के पन्नों की याद दिलाते हुए सर्वोच्च न्यायालय का धन्यवाद देते हुए कहा दुनिया का सबसे लंबे समय तक चलने वाला मुकदमा (134 वर्षों से लंबित) प्रकरण सन 2020 में निस्तारित किया जबकि मुगलों ने 492 वर्षों तक लटकाए रखा घटना का संक्षिप्त इतिहास को बताते हुए कहा की अयोध्या को सूर्यवंशी वैवस्तु मनु ने बसाया था त्रेता युग में अयोध्या महाराजा कुश ने भगवान श्री राम के जल समाधि उपरांत जन्मभूमि पर स्मृति में भव्य मंदिर बनाया जिस पर 44पीढियो ने राज्य किया। विश्व के सबसे विशाल युद्ध महाभारत में अयोध्या के अंतिम महाराजा बृहदबल की मृत्यु अभिमन्यु द्वारा हुई उसी के बाद अयोध्या पर ग्रहण लग गया ईशा के लगभग100 वर्ष पूर्व उज्जैन के चक्रवर्ती सम्राट महाराजा विक्रमादित्य अयोध्या देशाटन पर पहुंचने पर अयोध्या के इतिहास अध्ययन पर अन्य मंदिरों के पुनर्निर्माण के साथ दोबारा पुरुषोत्तम श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर 84 कसौटी काले पत्थरों पर बनवाया जो सदियों तक इतिहास का साक्षी रहा 1120 ईस्वी में कन्नौज के राजा जयचंद ने जन्मभूमि मंदिर की भव्यता से लालयित होकर महाराजा विक्रमादित्य के चिन्हों को स्तंभों से हटाकर अपना लगवाया परंतु कुछ वर्षों उपर्ण टी भारत में मुगलों का पानीपत युद्ध के बाद जयचंद का भी अस्तित्व खत्म कर काबिज हो गए वहीं से मुगलों का आतंक शुरू हो गया हिंदुओं के ऐतिहासिक हजारों मंदिरों को नष्ट कर दिया परंतु 14वी सदी तक सिकंदर लोदी के समय तकअयोध्या जन्मभूमि सुरक्षित रहा 1528 ईस्वी में मुगल शासक बाबर ने लाखों हिंदुओं का कत्लेआम कर जन्मभूमि मंदिर तोड़कर औरंगजेब ने बाबरी मस्जिद बनवाई विवाद गहराता देखकर अकबर जहांगीर के शासन में हिंदुओं को बाहरी चबूतरा और मुसलमान को तीनों गुम्मज वाला अपने पास रखा ब्रिटिश कालखंड सन 1853 के सांप्रदायिक दंगा हुआ 1885मे पहली बार महंत रघुनाथ दास ने मामला अदालत में पहुंचा जिसे अंग्रेजी हुकूमत ने खारिज कर दिया देश आजादी के 2 वर्ष बाद23 दिसंबर 1949 को जन्मभूमि के मध्य गुंबद के नीचे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने दर्शन दिए जिस पर आक्रांताओं के भय से सरकार ने ताला लगा दिया 1950 ई०में महंत रामचंद्र दास न्यायालय सिविल जज एवं 1955 में निर्मोही अखाड़ा 1961 में सुनीवफ बोर्ड1984 में विश्व हिंदू परिषद के वाद पर न्यायाधीश महोदय एमके पांडे ने 1990 में हिंदुओं को पूजा की अनुमति दी।1992ई०मे मा०लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ मंदिर से अयोध्या धाम के लिए शांतिपूर्ण रथ यात्रा निकाली जिसे बिहार सरकार मुख्यमंत्री लालू यादव ने श्री राम रथ रोककर आडवाणी जी को गिरफ्तार कर लिया तत्कालीन उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री मा०कल्याण सिंह ने घटना की निंदा की और कहां हम आस्था से खिलवाड़ व जनहानि नहीं होने देंगे।इससे पूरे भारत के सोए हुए हिंदुओं एवं सनातन संस्कृति लोग पर आक्रोशित होकर देश के लाखों युवाओं ने कारसेवा का शंखनाद करते हुए अयोध्या कुचकर 6 दिसंबर 1992 को श्री राम जन्मभूमि पर बने बाबरी मस्जिद को ढहा जिसमें 2000 से ज्यादा कारसेवको ने अपने प्राणों की आहुति दी। सन2002तीन जजों के सामने प्रकरण प्रस्तुत हुआ जिस पर न्यायालय आदेश पर जिलॉजिकल सर्वेआदेश,खुदाई में12वी सदी मे मंदिर के पुख्ता प्रमाण मिले सन 2010मे इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उक्त परिसर को तीन भागों में बांटा जिसकी अपील सर्वोच्च न्यायालय मे 2011 में रोक लगाया परंतु 2016 में सुब्रहमण स्वामी ने न्यायालय में अपील की जिस पर न्यायालय ने 2017 में सुलह का मौका दिया उसे समय 32 और अपील पहुंच गई जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने8 मार्च 2019को मेडिएशन में प्रकरण ना सुलाझते देख नियमित सुनवाई करते हुएआदेश सुरक्षित रखा।
9 सितंबर 2019 को 134 वर्ष पुराना प्रकरण निस्तारित करते हुए 2.77 एकड़ पूरी जमीन रामलला विराजमान को सौंपी जिस पर जन्मभूमि के अनुयायियों के अनुरोध पर यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का संकल्प लेकर शिलान्यास किया करोड़ों हिंदुओं के आस्था का केंद्र श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024को यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी करेगे। इतिहासकार आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश वैदिक विद्वान प०विमल कुमार आर्य धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए आर्यों के बलिदान का इतिहास के गर्भ की चर्चा करते हुए बताया कि 23 दिसंबर सन 1949 को मंदिर गर्भ ग्रह में आर्य समाज जमुनिया बाग अयोध्या की महाशय केदारनाथ आर्य,मदन मोहन वर्मा जो तत्कालीन विधानसभा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष एवं आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के प्रधान एवं आर्य सन्यासी महात्मा हंसराज के शिष्य DAV कॉलेज लाहौर के आईसीएस के के नय़्यर तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ही श्री राम जन्मभूमि मंदिर के बुनियाद के ईंट हैएव अन्य ज्ञात अज्ञात शहीदों को भव्य मंदिर उद्घाटन पर नमन करते हैं प्रयागराज आर्य समाज द्वारा महर्षि 200वी जन्म शताब्दी पर हो रहे समारोह में आर्यवीरदल की ओर से अशोक कुमार तिवारी ने यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी से कविता के माध्यम से माता यशोदा बेन के साथ श्री राम मंदिर उद्घाटन करने की अपील की।



