महंगे इलाकों में ₹6,000 से ज्यादा प्रति वर्गफुट, गांवों में ₹35 से ₹50 तक

प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News

गोण्डा। जिला प्रशासन द्वारा जारी नई सर्किल रेट सूची ने जिले में जमीन के भाव को लेकर हैरतअंगेज तस्वीर पेश की है। शहर के प्रमुख व्यापारिक इलाकों में जहां जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं, वहीं ग्रामीण और बाहरी हिस्सों में आज भी जमीन औने-पौने दामों पर उपलब्ध है। महंगी और सस्ती जमीन का यह फर्क न सिर्फ निवेशकों बल्कि आम खरीदारों के लिए भी चर्चा का विषय बन गया है।


💰 टॉप-10 सबसे महंगे इलाके (प्रति वर्गफुट दर)

1️⃣ स्टेशन रोड – ₹6,672 प्रति वर्गफुट
2️⃣ साहबगंज – ₹6,458 प्रति वर्गफुट
3️⃣ सदर बाजार (मुख्य क्षेत्र) – ₹6,240 प्रति वर्गफुट
4️⃣ मालवीय नगर रोड – ₹5,915 प्रति वर्गफुट
5️⃣ रामलीला मैदान रोड – ₹5,805 प्रति वर्गफुट
6️⃣ गोपाल नगर – ₹5,600 प्रति वर्गफुट
7️⃣ झंझरी (मुख्य बाजार क्षेत्र) – ₹5,380 प्रति वर्गफुट
8️⃣ कलेक्ट्रेट रोड – ₹5,165 प्रति वर्गफुट
9️⃣ करनैलगंज रोड (शहर सीमा के भीतर) – ₹4,950 प्रति वर्गफुट
🔟 कचहरी रोड – ₹4,840 प्रति वर्गफुट


🏡 टॉप-10 सबसे सस्ते इलाके (प्रति वर्गफुट दर)

1️⃣ परसपुर ब्लॉक क्षेत्र – ₹280 प्रति वर्गफुट
2️⃣ वजीरगंज ग्रामीण इलाका – ₹300 प्रति वर्गफुट
3️⃣ छपिया ब्लॉक गांव क्षेत्र – ₹325 प्रति वर्गफुट
4️⃣ झंवरिया (ग्रामीण हिस्सा) – ₹335 प्रति वर्गफुट
5️⃣ खरगूपुर क्षेत्र – ₹355 प्रति वर्गफुट
6️⃣ मुजेहना ब्लॉक गांव – ₹375 प्रति वर्गफुट
7️⃣ कटराघाट किनारा क्षेत्र – ₹390 प्रति वर्गफुट
8️⃣ झंवरिया बाजार से बाहर – ₹410 प्रति वर्गफुट
9️⃣ पंडरी कृपाल (ग्रामीण सीमा) – ₹420 प्रति वर्गफुट
🔟 मछलीगांव क्षेत्र – ₹445 प्रति वर्गफुट


📊 अंतर इतना

  • शहर के अलीनगर रोड पर 1 वर्गफुट जमीन ₹6,672 की है।
  • वही जमीन अगर परसपुर ब्लॉक गांव में खरीदी जाए तो कीमत सिर्फ ₹280 प्रति वर्गफुट
  • यानी शहर और गांव की जमीन की कीमत में लगभग 24 गुना तक का फर्क

इस कारण बढ़े हैं दाम

  • व्यापारिक गतिविधियों का दबदबा – शहर के बाजार और प्रमुख सड़कों पर व्यापारी गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं।
  • सुविधाओं की नजदीकी – अस्पताल, कॉलेज, स्कूल और सरकारी कार्यालय इन इलाकों को प्रीमियम बना रहे हैं।
  • निवेशकों की बढ़ती रुचि – जमीन को सुरक्षित निवेश मानने वाले निवेशक ऊंचे दाम पर भी सौदे कर रहे हैं।

संपत्ति विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वर्षों में शहरी इलाकों में तो कीमतें और ऊपर जाएंगी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में भी अगर सड़क, बिजली और उद्योग की परियोजनाएं पहुंचीं तो वहां भी दाम अचानक कई गुना बढ़ सकते हैं।

  • शहर में जमीन खरीदना सिर्फ अमीरों और बड़े निवेशकों के बूते की बात रह गई है।
  • वहीं गांवों में अब भी आम लोग कम दाम में भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं

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