करनैलगंज बाईपास को मिली मंजूरी, जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
सरयू नदी पर बनेगा नया फोरलेन पुल, खत्म होगा दो क्रासिंगों से लगने वाले जाम का झंझट
करनैलगंज कस्बे को छोड़ते हुए बनेगी 13.3 किलोमीटर लंबाई की फोर लेन सड़क
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News :

करनैलगंज कस्बे से होकर गुजरने वाले भारी यातायात के दबाव को कम करने के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की कमेटी ने करनैलगंज बाईपास परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस बाईपास के बनने से यातायात की समस्या में सुधार होगा और कस्बे में आए दिन लगने वाले जाम से छुटकारा मिलेगा। परियोजना के तहत सरयू नदी पर एक नया फोरलेन पुल भी बनाया जाएगा, जिससे आवागमन सुगम हो जाएगा।

बाईपास का रूट और कनेक्टिविटी का एलाइनमेंट तय

यह बाईपास जहांगिरवा से शुरू होकर सरयू नदी तक जाएगा, जहां एक नया फोरलेन पुल बनाया जाएगा। इसके बाद यह सड़क गोंडा-परसपुर मार्ग पर करुवा गांव से होते हुए करनैलगंज कस्बे के पीछे से निकलेगी और गोनवा गांव के पास गोंडा-लखनऊ हाईवे से जुड़ेगी। इस रूट के माध्यम से गोंडा, लखनऊ, परसपुर और आसपास के क्षेत्रों के बीच यातायात में तेजी आएगी।

लखनऊ से गोंडा जाने वाले यात्रियों के लिए करनैलगंज कस्बे के कटरा शहबाजपुर और जहांगिरवा क्रासिंग पर लगने वाला जाम हमेशा से एक बड़ी समस्या रहा है। इन क्रासिंगों पर ओवरब्रिज की मांग वर्षों से की जा रही थी, लेकिन अब बाईपास बनने से समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा। बाईपास के बनने से कस्बे के भीतर से वाहनों को गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना भी कम होगी।

एनएचएआई के लखनऊ डिवीजन बाइपास का निर्माण करेगा। डिवीजन के अधिकारियों के अनुसार प्रस्तावित बाईपास की कुल लंबाई लगभग 13.36 किमी होगी। यह बाईपास गोंडा-जरवल मार्ग के किमी 26 से शुरू होकर किमी 39 पर समाप्त होगा। इस परियोजना के लिए सरयू नदी पर एक नया पुल बनाया जाएगा। पुल के निर्माण से यातायात की सुगमता के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने निर्देश दिए हैं कि बाईपास के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जल्द तैयार की जाए। डीपीआर के तैयार होते ही निर्माण कार्य को हरी झंडी दे दी जाएगी।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अहम भूमिका

इस परियोजना को मंजूरी दिलाने में केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह और कैसरगंज सांसद करण भूषण सिंह की भूमिका रही है। इन जनप्रतिनिधियों के प्रयासों से इस बाईपास को प्राथमिकता में शामिल किया गया, जिससे इसका रास्ता साफ हो सका।

क्षेत्र के विकास को मिलेगी गति

सरयू नदी पर नए फोरलेन पुल के निर्माण से क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी। पुल बनने से आसपास के गांवों का कस्बे से सीधा संपर्क हो जाएगा, जिससे स्थानीय किसानों और व्यापारियों को अपने उत्पाद बेचने में आसानी होगी। यह पुल क्षेत्र में आवागमन का प्रमुख साधन बनेगा, जिससे परिवहन में तेजी आएगी और आर्थिक गतिविधियों में इजाफा होगा।

निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की बढ़ी उम्मीद

एनएचएआई के लखनऊ डिवीजन के इंजीनियरों ने बताया  कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद करनैलगंज कस्बे के यातायात की व्यवस्था में सुधार होगा और यात्री निर्बाध यात्रा कर सकेंगे।
करनैलगंज बाईपास परियोजना के पूरा होने के बाद स्थानीय लोगों को लंबे समय से चली आ रही जाम की समस्या से स्थायी राहत मिल जाएगी। इस परियोजना से न केवल करनैलगंज, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास में नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।

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