कस्तूरबा बालिका विद्यालयों में जिम्मेदारों की लापरवाही पर कसी नकेल, अनुपस्थित स्टाफ पर सख्त तेवर*
*10 दिन की डेडलाइन — छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने के लिए डीएम का अल्टीमेटम*
*जिम्मेदारों की जवाबदेही तय, 10 दिन में स्थिति नहीं सुधरी तो जिला समन्वयक बालिका शिक्षा की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी निर्धारित*
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News :

गोंडा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने एक बार फिर अपने सख्त प्रशासनिक तेवर दिखाते हुए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में जिम्मेदारों की लापरवाही पर बड़ा एक्शन लिया है। पंजीकृत संख्या के सापेक्ष छात्राओं की कम उपस्थिति और स्टाफ की लापरवाही पर डीएम ने बुधवार को अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं।

डीएम के निर्देश पर जनपद के सभी 17 कस्तूरबा बालिका विद्यालयों में कराए गए औचक निरीक्षण में चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई। अधिकांश विद्यालयों में पंजीकृत संख्या के सापेक्ष छात्राओं की उपस्थित कम पाई गईं और कई जगह स्टाफ भी ड्यूटी से गायब मिला। इस पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए गैरहाजिर स्टाफ का वेतन रोकने व कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।

*10 दिन की मोहलत दी — फिर देनी होगी रिपोर्ट*

जिलाधिकारी ने सभी विद्यालयों में छात्राओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि आगामी 10 दिनों के भीतर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो जिला समन्वयक बालिका शिक्षा की भी व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी। संबंधित अधिकारियों को उसके संबंध में 10 दिन के बाद रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए गए।

*बालिका शिक्षा में लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं*

डीएम ने स्पष्ट संदेश दिया है कि बालिकाओं की शिक्षा व्यवस्था में किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने शिक्षा विभाग को अलर्ट करते हुए कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ हर हाल में छात्राओं तक पहुंचे।

*शिक्षा महकमें में मचा हड़कंप*

डीएम के इस एक्शन के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। जानकारों का मानना है कि यह कार्रवाई न सिर्फ बालिका शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में बड़ा कदम है बल्कि विद्यालय प्रशासन की जवाबदेही भी तय करेगा।

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