आंगनवाड़ी केंद्रों में शालापूर्व शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए कार्यशाला हुई आयोजित
रॉकेट लर्निंग संस्था ने AI आधारित आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर प्रस्तुत की योजना
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News :
गोंडा, 31 जनवरी 2025 – जनपद गोंडा में जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में रॉकेट लर्निंग संस्था द्वारा शालापूर्व शिक्षा (ECCE) को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार मौर्य ने की। कार्यक्रम में आंगनवाड़ी केंद्रों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित आधुनिक तकनीकों के उपयोग की संभावनाओं और उनके प्रभावों पर विस्तृत चर्चा की गई।
रॉकेट लर्निंग संस्था ने कार्यशाला के दौरान शालापूर्व शिक्षा को रोचक एवं प्रभावी बनाने के लिए AI तकनीक के प्रयोग की एक विस्तृत योजना प्रस्तुत की। इस पहल के तहत खेल-आधारित गतिविधियों को आंगनवाड़ी केंद्रों में सुचारु रूप से लागू करने की रणनीति बनाई गई। डिजिटल सामग्री के माध्यम से शिक्षण प्रक्रिया को अधिक मजबूत और गुणवत्तापूर्ण बनाया जाएगा।
तकनीकी नवाचारों के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षित कर उन्हें बच्चों की शिक्षा में अधिक दक्ष बनाया जाएगा। कार्यशाला के दौरान यह भी चर्चा की गई कि किस प्रकार आधुनिक तकनीकों का उपयोग बच्चों के कौशल निर्माण और समग्र विकास में सहायक सिद्ध हो सकता है।
इस महत्वपूर्ण कार्यशाला का संचालन रॉकेट लर्निंग संस्था की UP हेड आशा तिवारी और सीनियर प्रोग्राम मैनेजर अर्पिता सिंह द्वारा किया गया। उनके साथ राहुल चौरसिया, ज्ञानेंद्र श्रीवास्तव, सौरभ सागर, मंदाकिनी पांडे, शुभांगी ने भी विशेष योगदान दिया।
कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार मौर्य,सीडीपीओ अभिषेक दुबे, राम प्रकाश मौर्य, दुर्गेश कुमार गुप्ता, रमा सिंह, वंदना, नीतू रावत, नन्दिनी घोष, मुख्य सेविका सुनीता, दीपाली सिंह, मीना उपाध्याय, सुशीला, निशी द्विवेदी, सुमिता, अंकिता श्रीवास्तव, कोआर्डिनेटर राजकुमार, सरोज तिवारी, इमरान अली, ब्लॉक कोआर्डिनेटर अतुल सिंह समस्त कोआर्डिनेटर मौजूद रहे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार मौर्य ने अपने संबोधन में कहा,”शिक्षा का उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है। हमें आंगनवाड़ी केंद्रों को केवल पोषण और देखभाल का केंद्र ही नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा का केंद्र भी बनाना होगा। रॉकेट लर्निंग संस्था द्वारा प्रस्तुत तकनीकी नवाचार निश्चित रूप से इस दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। आधुनिक तकनीकों के माध्यम से हम बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी, रोचक और परिणामदायक बना सकते हैं। सरकार की प्राथमिकता है कि प्रत्येक बच्चा अपने बचपन से ही अच्छी शिक्षा की नींव प्राप्त करे, और इस दिशा में हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।”
कार्यशाला के समापन में खेल-आधारित गतिविधियों, डिजिटल शिक्षण संसाधनों और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के तकनीकी प्रशिक्षण के महत्व पर विशेष चर्चा की गई। यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी और नौनिहालों के सर्वांगीण विकास को नई दिशा प्रदान करेगी।
इस कार्यशाला के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि शिक्षा को केवल पारंपरिक तरीकों तक सीमित न रखकर, उसे आधुनिक तकनीकों और डिजिटल साधनों के माध्यम से अधिक प्रभावी और रोचक बनाया जाना चाहिए। रॉकेट लर्निंग संस्था की यह पहल निश्चित रूप से आंगनवाड़ी केंद्रों को एक नवाचार आधारित शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने में सहायक सिद्ध होगी।



