गोण्डा में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत उद्यान विभाग द्वारा दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
जिला उद्यान अधिकारी रश्मि शर्मा समेत कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने किसानों को दिया प्रशिक्षण
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News :

बुधवार को गोण्डा के गोपाल ग्राम स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में उद्यान विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि से जुड़ी आधुनिक तकनीकों, मृदा परीक्षण, शस्य क्रियाओं और प्रसंस्करण के बारे में जागरूक करना था, ताकि वे अपनी फसल उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें। कार्यक्रम में जिले भर के कई किसान उपस्थित रहे और उन्होंने विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा दी गई महत्वपूर्ण जानकारियों का लाभ उठाया।

कार्यक्रम की शुरुआत कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. त्रिपाठी द्वारा की गई, जिन्होंने भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के विभिन्न तरीकों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने किसानों को मृदा परीक्षण के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मृदा परीक्षण के जरिए किसान अपनी मिट्टी की सेहत को समझ सकते हैं और उसकी उर्वरक क्षमता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठा सकते हैं। मृदा परीक्षण से न केवल फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि कृषि लागत में भी कमी आती है।

इसके बाद, उद्यान विभाग के विशेषज्ञ डॉ. अंकित तिवारी ने शस्य क्रियाओं के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि सही समय पर सही कृषि क्रियाएं करने से फसल उत्पादन में सुधार होता है और किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं। डॉ. तिवारी ने वैज्ञानिक तरीके से खेती करने और नई तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया, जिससे किसानों को अपने फसलों की बेहतर पैदावार मिलेगी।

कार्यक्रम में कृषि विशेषज्ञ ममता तिवारी जी ने गृह वाटिका की स्थापना और फसल मूल्यवर्धन पर विशेष जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसान अपने घरों में गृह वाटिका लगाकर सब्जियों और फूलों का उत्पादन कर सकते हैं, जो न केवल उनके परिवार की पोषण आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि अतिरिक्त आय का स्रोत भी बनेगा। उन्होंने यह भी समझाया कि फूलों और सब्जियों को प्रसंस्करण कर उन्हें बाजार में अधिक कीमत पर बेचा जा सकता है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ होगा।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जिला उद्यान अधिकारी रश्मि शर्मा ने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने किसानों को इन योजनाओं का लाभ उठाने के तरीके समझाए और बताया कि सरकार की योजनाएं किस प्रकार किसानों की मदद कर रही हैं। इसके अतिरिक्त उद्यान अधिकारी गिरीश मिश्रा ने बताया कि किसान औद्यानिक फसलों की खेती करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने किसानों को इसके विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया और उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम के समापन सत्र में उद्यान विभाग के प्रमुख विनोद कुमार सिंह ने प्रशिक्षण का सारांश प्रस्तुत किया और किसानों से अपील की कि वे दी गई जानकारियों का उपयोग अपनी कृषि पद्धतियों में करें। कार्यक्रम में अन्य उपस्थित लोगों में संत कुमार तिवारी शामिल थे, जिन्होंने किसानों को समसामयिक कृषि मुद्दों पर जानकारी दी और उन्हें नवीनतम कृषि तकनीकों से अवगत कराया।

इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ने किसानों को अपनी कृषि पद्धतियों में बदलाव लाने और नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, उन्हें मृदा परीक्षण, शस्य क्रियाएं, फसल प्रसंस्करण और गृह वाटिका जैसी नई अवधारणाओं के माध्यम से अपनी फसल की उत्पादकता बढ़ाने के तरीके सिखाए। कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी किसानों ने इसे बहुत उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताया और आशा व्यक्त की कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्हें भविष्य में अधिक लाभकारी कृषि करने में मदद करेंगे।

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