देवीपाटन मंडल में धान खरीद में सुस्ती, जगह की कमी बनी बड़ी चुनौती
क्रय केंद्रों पर जगह की कमी से घटा धान खरीद का आंकड़ा, किसानों को भुगतना पड़ रहा नुकसान
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News :

गोंडा। देवीपाटन मंडल के किसानों के लिए मूल्य समर्थन योजना राहत बनकर आई, लेकिन धान खरीद में धीमी गति और व्यवस्था की खामियां उनके लिए परेशानी का सबब बन गईं। मंडल के गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच जिलों के 23 हजार किसानों को योजना का लाभ मिला, लेकिन क्रय एजेंसियों पर 35 करोड़ रुपये बकाया होने से किसानों का भुगतान अटका हुआ है।

धान खरीद में लक्ष्य से पीछे, जगह की कमी बनी बड़ी समस्या

मंडल के 304 क्रय केंद्रों पर इस वर्ष 34.70 लाख कुंतल धान खरीदने का लक्ष्य था, लेकिन अब तक केवल 17.42 लाख कुंतल धान खरीदा गया है। यह लक्ष्य का मात्र 51% है। सबसे बड़ी समस्या क्रय केंद्रों पर जगह की कमी है, जहां 7.30 लाख कुंतल धान डंप पड़ा है।

चावल मिलों से भारतीय खाद्य निगम के गोदामों तक समय पर आपूर्ति न होने से खरीद प्रक्रिया धीमी हो गई है। बलरामपुर जिले में 70% लक्ष्य पूरा कर मंडल में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया, जबकि बहराइच में मात्र 46% लक्ष्य पूरा हुआ।

जिलावार खरीद का हाल
बलरामपुर: 28 क्रय केंद्रों पर 3 लाख कुंतल का लक्ष्य, 2.10 लाख कुंतल की खरीद (70%)।
बहराइच: 130 केंद्रों पर 17.50 लाख कुंतल का लक्ष्य, 8 लाख कुंतल की खरीद (46%)।
श्रावस्ती: 35 केंद्रों पर 4 लाख कुंतल का लक्ष्य, 2.60 लाख कुंतल की खरीद (65%)।
गोंडा: 111 केंद्रों पर 10.20 लाख कुंतल का लक्ष्य, 5 लाख कुंतल की खरीद (50%)।

किसानों का कहना है कि खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी होनी चाहिए। समय पर भुगतान सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है, ताकि वे वित्तीय समस्याओं से बच सकें।

डिप्टी आरएमओ प्रज्ञा मिश्रा ने बताया कि धान खरीद में तेजी लाने और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। चावल की आपूर्ति प्रक्रिया में भी सुधार किया जा रहा है। 28 फरवरी तक लक्ष्य पूरा करने की योजना है।

 

जानकार बताते हैं कि धान खरीद की धीमी गति और जगह की कमी ने देवीपाटन मंडल में किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बलरामपुर की प्रगति उत्साहजनक है, लेकिन गोंडा और बहराइच जैसे जिलों को अपनी कार्यशैली में तेजी लानी होगी। किसानों को राहत तभी मिल सकेगी, जब भुगतान प्रक्रिया और खरीद व्यवस्थाओं में सुधार होगा।

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