गोण्डा, वरिष्ठ संवाददाता। पन्तनगर के पास आसरा आवासों के पीछे बनी कांसीराम कालोनी के रास्तों पर जमीन तक झूल रहे जानलेवा नंगे तार व कटी फटी केबिलों को हटाने के बजाय विभाग मोहल्लेवासियों से खर्चा मांग रहा है।
मोहल्लेवासी बीते कई महीनों से शिकायत कर रहे हैं मगर विभाग को इसकी चिंता नहीं है बल्कि गरीब मोहल्लेवासियों से इसके अलावा खंभा लगाने का पैसा भी मांग रहा है। यह हाल तब बना हुआ है कि जब मोहल्ले के एक पोल के सपोर्टिंग स्टैण्ड के लोहे के तार से फंसकर करंट लगने से एक बछड़े की मौत हो गई है। शनिवार को मोहल्ले के लोगों में विभाग के रवैये के प्रति आक्रोश पनप गया।
कांशीराम कालोनी जहां पर निहायत ही गरीबी व तंगहाली से जूझने वाले परिवार भी रह रहे हैं। और फिर आसरा आवासों आदि के लिए गुजरने वाले राहगीरों के जान पर खतरा मंडरा गया है। यहीं के रहने वाले कलीम अहमद बताते हैं कि विभाग में जाकर मोहल्ले के लोगों ने शिकायत की मगर सुनने के लिए कोई अफसर व कर्मचारी तैयार नहीं है। शहबान का कहना है कि करंट उतरे हुए जगह पर कोई भी अनजान राहगीर कभी भी अपनी जान गंवा सकता है मगर इसकी फिक्र विभाग को नहीं है। रियाज बताते हैं कि विभाग के अफसर बातों को अनसुनी कर रहे हैं। फूलचंद ने कहा कि छोटे बच्चों, अनजान राहगीरों, बेजुबान मवेशियों की जान बचाने की आफत है। मगर विभाग जानबूझकर ऐसा कर रहा है। यही परेशानी रोहित, सीबू आदि ने भी बताई।
शिकायत करने पर भी नही करते हैं कोई करवाई
गोण्डा। एक तो बिजली ठीक करने नहीं आते और हुए फाल्ट की वजह से दमीजेंसी कालिंग भी उपभोक्ता करे तो उनपर रौब गांठने का काम बिजली कर्मी कर रहे हैं।
आपको बताते चले मामला दु:खहरणनाथ मन्दिर के पीछे के मोहल्ले का है यहां पर बिजली में हाईवोल्ट आया तो नारी ज्ञान स्थली महाविद्यालय के पास के एक पोल से लगे सभी बिजली के कनेक्शन के केबिलें जलने लगी। देखते ही देखते केबिल टूट कर नीचे आ गईं। अब मोहल्ले के लोग पावर हाउस के फोन पर फोन कर रहे हैं तो उन्हें दूसरी तरफ से झिड़की सुनाई जा रही है। भारी आवाज में बोला जा रहा है कि उनके फाल्ट की शिकायत दर्ज है या नहीं इसकी पूछताछ की जा रही है। लोग बताते हैं कि पोल में करंट उतरने के बावजूद भी फोन पर की गई शिकायतों का संज्ञान नहीं लिया जा रहा है और न ही कोई इसे ठीक ही करने आया है।
मोहल्ले की सह समस्या उनके संज्ञान में नहीं है। वे एसडीओ को भेज कर समस्या के स्थाई हल करने का प्रयास करेंगे। खर्चा मांगने के मामले की भी जांच होगी। विभाग खतरों के प्रति वाकिफ है।
राधेश्याम भाष्कर, अधिषासी अभियंता



