गोंडा: बजाज चीनी मिल क्षेत्र में बोई गई गन्ना प्रजाति को.शा. 7250 अस्वीकृत, वैज्ञानिकों ने बताई डुप्लीकेट
गन्ना किसानों से अपील – स्वीकृत प्रजातियों की ही करें बुवाई
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News :
गोंडा। बजाज चीनी मिल कुन्दरखी परिक्षेत्र में को.शा. 7250 के नाम से बोई गई गन्ना प्रजाति को उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहाँपुर ने अस्वीकृत घोषित कर दिया है। वैज्ञानिकों की टीम द्वारा की गई जांच में यह प्रजाति वास्तविक को.शा. 7250 नहीं पाई गई, बल्कि यह एक बेनामी/डुप्लीकेट गन्ना प्रजाति निकली।
जिला गन्ना अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि बजाज चीनी मिल के वरिष्ठ महाप्रबंधक (गन्ना) डा. अनिल कुमार त्रिपाठी ने उप गन्ना आयुक्त देवीपाटन मंडल और जिला गन्ना अधिकारी को पत्र लिखकर इस गन्ना प्रजाति की जांच कराने का अनुरोध किया था। इसके बाद गठित टीम ने वैज्ञानिक डा. अरबिन्द कुमार, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक अफसर हुसैन, चीनी मिल के महाप्रबंधक (गन्ना) डा. ए.के. त्रिपाठी और वरिष्ठ प्रबंधक (गन्ना) एन.के. सिंह के साथ स्थलीय निरीक्षण किया। जांच में स्पष्ट हुआ कि इस क्षेत्र में बोई गई गन्ना प्रजाति वास्तविक को.शा. 7250 नहीं है।
वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहाँपुर ने इस बेनामी/डुप्लीकेट गन्ना प्रजाति को अस्वीकृत श्रेणी में डाल दिया है। जल्द ही इसे एस.जी.के. पोर्टल पर भी संशोधित किया जाएगा।
गन्ना किसानों को सतर्क रहने की दी गई सलाह
जिला गन्ना अधिकारी सुनील कुमार सिंह और वरिष्ठ महाप्रबंधक (गन्ना) डा. त्रिपाठी ने गन्ना किसानों से अपील की है कि वे इस अस्वीकृत गन्ना प्रजाति की बुवाई न करें। उन्होंने किसानों को उन्नत और स्वीकृत गन्ना प्रजातियों जैसे को. 0118, को. 15023, को.लख. 14201, को.शा. 13235, को.लख. 94184 और को. 98014 की बुवाई करने की सलाह दी है।
बीज प्राप्ति के लिए गन्ना विभाग से किसान करें संपर्क
गन्ना किसानों को उन्नत और स्वीकृत गन्ना प्रजातियों के बीज प्राप्त करने के लिए गन्ना विकास विभाग या चीनी मिल के अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी गई है।
आखिर क्यों जरूरी है स्वीकृत गन्ना प्रजातियों की बुवाई?
गन्ना विकास विभाग के अनुसार, स्वीकृत गन्ना प्रजातियां अधिक उत्पादन देने वाली, रोग प्रतिरोधक और चीनी की रिकवरी दर को बढ़ाने में सहायक होती हैं। अस्वीकृत और डुप्लीकेट गन्ना प्रजातियों की बुवाई से किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है।
गन्ना किसानों को सचेत रहने और केवल प्रमाणित गन्ना प्रजातियों की बुवाई करने की अपील की गई है ताकि उनका उत्पादन सुरक्षित और अधिक लाभकारी हो सके।



