गोंडा में ‘वेस्ट टू वंडर’ फ्लावर शो का भव्य आयोजन, छात्राओं ने दिखाई रचनात्मकता
ज्ञानस्थली की छात्राओं ने फूलों से दी सामाजिक जागरूकता का संदेश
छात्राओं को मिला टीम वर्क और रचनात्मकता का अवसर
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News :
गोंडा, 23 फरवरी 2025 – जिले के राजा देवी बख्श सिंह जलाशय, रेलवे कॉलोनी में जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देशानुसार एक दिवसीय फ्लावर शो ‘वेस्ट टू वंडर’ का भव्य आयोजन किया गया। इस अनूठे कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, कला और सामाजिक संदेशों को प्रोत्साहित करना था। कार्यक्रम में फ्लावर रंगोली और फूल माला प्रतियोगिता मुख्य आकर्षण रहे।
सरस्वती देवी नारी ज्ञानस्थली पीजी कॉलेज की छात्राओं ने अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए पर्यावरण सुरक्षा, शिक्षा और बेटियों के सम्मान को समर्पित थीम पर रंगोली बनाई। जिलाधिकारी नेहा शर्मा, जिला उद्यान अधिकारी रश्मि शर्मा, और प्रो. रेखा शर्मा ने रंगोली का निरीक्षण कर छात्राओं के प्रयासों की सराहना की। रंगोली प्रतियोगिता में पल्लवी शर्मा, अल्फिया शेख, कशिश सिंह, ख़ुशी जायसवाल, ख़ुशी अग्रवाल, सादिया, जोली पांडे, क्षमा जायसवाल, रानी साहू, सीमा मिश्रा, पूर्णिमा शुक्ला, आफरीन बानो, और सानिया बानो ने भाग लिया। छात्राओं ने फूलों की पंखुड़ियों और प्राकृतिक रंगों का उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा के महत्व और बेटियों को समान अवसर देने का संदेश दिया। रंगोली का हर डिज़ाइन और रंग एक गहरे सामाजिक संदेश को उजागर कर रहा था। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने रंगोली का अवलोकन करते हुए छात्राओं की मेहनत और सृजनात्मकता की खुलेमन से सराहना की। जिला उद्यान अधिकारी रश्मि शर्मा और प्रो. रेखा शर्मा ने भी छात्राओं के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समाज को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक होते हैं। उन्होंने इसे छात्राओं के आत्मविश्वास और सामाजिक चेतना को विकसित करने वाला अनुभव बताया। कॉलेज प्रशासन ने जिलाधिकारी की इस पहल की प्रशंसा की और इसे छात्राओं के संस्कार, सृजनात्मकता और सामाजिक जागरूकता के लिए आवश्यक बताया। शिक्षिका नीलम छाबड़ा और नेहा जायसवाल ने कहा, “रंगोली केवल एक कला नहीं, बल्कि एक संदेश है, जो समाज को सोचने और बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है। इस आयोजन ने छात्राओं को टीम वर्क, रचनात्मकता और सामाजिक मुद्दों की समझ विकसित करने का अवसर दिया। इस तरह की गतिविधियाँ न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाती हैं, बल्कि उन्हें समाज के प्रति अधिक जिम्मेदार भी बनाती हैं। आयोजन ने कला, संस्कृति और सामाजिक जागरूकता को एक मंच दिया और यह संदेश दिया कि रचनात्मकता के माध्यम से भी समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।



