पर्यावरण प्रेमी और उत्कृष्ट किसान: श्रवण सिंह विसेन की है अद्भुत पहचान
उत्कृष्ट किसान श्रवण सिंह विसेन को मानों पर्यावरण और प्रकृति खुद पहचान गई हो
श्रवण के छत पर खिंचे चले आते हैं सैंकड़ों की संख्या में तोते
श्रवण के साथ खेलते हैं चंहकते हैं और इतरा कर हाथों और कँधों पर जा बैठते हैं
ऐसे समय में अनुपम मनोरम हो उठता है नजारा
उत्कृष्टता के पैमाने पर खरे उतरे हुए हैं किसान श्रवण
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
State Desk :
बहराइच जनपद के कैसरगंज विकास खण्ड के ग्राम कोहली के रहने वाले श्रवण सिंह विसेन का जीवन एक प्रेरणास्रोत बन चुका है। पर्यावरण प्रेम, कृषि में नवाचार, और सामाजिक सेवा की अनूठी मिसाल पेश करने वाले श्रवण की कहानी हर किसी को प्रेरित करती है।
पर्यावरण के मित्र सरीखे हो गए हैं श्रवण अनोखा दृश्य दिखता है कि जब तोते आते हैं पास
श्रवण सिंह के घर की छत पर हर दिन का नजारा ऐसा होता है, मानो प्रकृति ने उनसे दोस्ती कर ली हो। सैकड़ों की संख्या में तोते उनकी छत पर आते हैं, उनके साथ खेलते हैं, चहकते हैं और कभी उनके कंधों तो कभी हाथों पर इतरा कर बैठ जाते हैं। यह अनोखा दृश्य हर किसी का मन मोह लेता है और श्रवण के पर्यावरण प्रेम को दर्शाता है।
कृषि क्षेत्र में हासिल की उत्कृष्टता: स्ट्रॉबेरी की खेती में दिखी महारत
कृषि में अपनी नई सोच और परिश्रम से श्रवण ने अपने क्षेत्र में एक नई क्रांति लाई है। वे न केवल उच्च गुणवत्ता वाली स्ट्रॉबेरी उगाते हैं, बल्कि अपनी फसल को देश के विभिन्न कोनों तक पहुँचाने में भी महारत हासिल कर चुके हैं। उनकी इस सफलता के कारण वे क्षेत्र में ‘स्ट्रॉबेरी किसान’ के नाम से मशहूर हो गए हैं।
शैक्षणिक योग्यता बढ़ाई फिर जुट गए सामाजिक सेवा में
शिक्षाशास्त्र में परास्नातक डिग्री प्राप्त करने वाले श्रवण सिंह को शुरू से ही सामाजिक सेवा में रुचि रही है। पर्यावरण के प्रति उनका सकारात्मक दृष्टिकोण और जीवों के प्रति संवेदनशीलता बचपन से ही उनकी पहचान रही है। उनका सपना था कि वे कुछ ऐसा करें जिससे बेजुबान जीवों की मदद हो सके।
पर्यावरण संरक्षण में योगदान देते हैं, हर वर्ष 10 पेड़ लगाने का संकल्प
श्रवण सिंह का मानना है कि यदि हर व्यक्ति अपनी धरती को हरा-भरा बनाने का संकल्प ले तो पर्यावरण संरक्षण का सपना पूरा हो सकता है। इसी सोच के साथ वे हर वर्ष 10 दीर्घजीवी पेड़ लगाने का संकल्प निभाते हैं। उनका यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बताते हैं कि बचपन का सपना था क्रिकेटर बनना
श्रवण सिंह को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था। वे एक क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन परिस्थितियों और जिम्मेदारियों ने उन्हें एक किसान बना दिया। हालांकि, उन्होंने जिस लगन और परिश्रम से कृषि के क्षेत्र में कदम रखा, वह उन्हें सफलता की नई ऊँचाइयों तक ले गया।
श्रवण का कहना है, “हम सभी को पर्यावरण और प्रकृति के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। अगर हम अपने जीवन में कुछ अच्छा कर सकते हैं तो वह यह है कि हम अपनी धरती को बचाने और जीव-जंतुओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने में योगदान दें।”
लोगों का कहना है श्रवण सिंह विसेन जैसे किसान हमारे समाज की धरोहर हैं, जिनसे हमें पर्यावरण प्रेम, कृषि में नवाचार और सामाजिक सेवा की प्रेरणा मिलती है।
जिला उद्यान अधिकारी रश्मि शर्मा बताती हैं कि खेती किसानी को व्यापक बनाकर इसे व्यापार की शक्ल देने के माहिर किसान श्रवण सिंह से क्षेत्र के किसानों को प्रेरणा लेने की जरूरत है।




