प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News

**परसपुर, गोण्डा** – प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के परसपुर सेवा केंद्र पर पावन पर्व रक्षाबंधन का त्योहार बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी अनामिका बहन ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य उद्घाटित किया। उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन एक परम पवित्र बंधन है, जो आत्माओं को परमात्मा के अटूट प्रेम-बंधन में बांध कर, सभी नकारात्मक बंधनों से मुक्त कर देता है। यह पर्व सनातन धर्म का महत्वपूर्ण और पवित्र प्रतीक है, जो भाई-बहन के पवित्र बंधन को दर्शाता है।

रक्षाबंधन का अर्थ “सुरक्षा का बंधन” है और यह भाई की बहन के प्रति सुरक्षा और देखभाल की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। यह केवल भौतिक बंधन नहीं है, बल्कि दो आत्माओं के बीच आध्यात्मिक बंधन का प्रतीक भी है। रक्षाबंधन के अवसर पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है। यह कर्तव्य और जिम्मेदारी का बंधन भाइयों को अपनी बहनों के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की याद दिलाता है।

राजयोगिनी अनामिका बहन ने इस प्रसंग पर विचार करते हुए कहा कि यदि बहन बड़ी है और भाई छोटा है, अथवा बहन किसी अन्य गांव, शहर या देश में रहती है, तो भाई अपनी बहन की सुरक्षा कैसे कर सकता है? इस परिस्थिति में लौकिक भाई की सुरक्षा संभव नहीं होती, लेकिन परमपिता परमात्मा के साथ आत्मिक रिश्ता बनाकर, उनसे मदद पाई जा सकती है। द्रौपदी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि परमपिता परमात्मा ने ही उनकी लाज बचाई थी।

इस आयोजन में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. शिवकुमार सिंह, डॉ. सीवेंद्र कुमार सिंह, जगदीश सोनी, डॉ. ए के सिंह, वी पी सिंह, शिव शंकर सोनी, तिलक राम वर्मा, अनूप सिंह, कमला प्रसाद सिंह, ज्ञान चंद चौधरी, इंद्रजीत सिंह, राघवेन्द्र पाण्डेय, पुत्तीलाल शर्मा, विपिन मिश्रा, राजन कुशवाहा, हरिश्चंद्र सिंह, डॉ. सुरेश चंद तिवारी, बृजेश कुमार सिंह, सुरेंद्र कुमार तिवारी, दर्शन कुमार, मिथलेश मिश्रा, उमा रमा, मन्ना, कोमल, रागिनी, अनुष्का, बबिता, और सुषमा प्रमुख थे।

 

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