शिक्षा में नवाचार: स्मार्ट क्लास और बेस लाइन असेसमेंट के माध्यम से बच्चों की सीखने की समझ का आंकलन
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News ::

गोंडा। शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, देवीपाटन मण्डल के एडी बेसिक राम सागर पति त्रिपाठी ने डायट प्रशिक्षु बच्चों द्वारा शिक्षा वार्षिक शैक्षणिक रिपोर्ट और वर्कबुक आधारित बेस लाइन असेसमेंट कराने का निर्देश दिया है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों की लिखने और पढ़ने की समझ को गहराई से आंकना और शिक्षा के स्तर में सुधार लाना है।

जनपद गोंडा के 357 स्मार्ट क्लासों में से 18 स्कूलों में इस स्मार्ट क्लास प्रणाली को सक्रिय रूप से संचालित किया जा रहा है। इन स्कूलों में वर्कबुक आधारित गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों की अंग्रेजी और गणित की दक्षताओं का मूल्यांकन करना था।

शिव नाडर फाउंडेशन का महत्वपूर्ण योगदान

शिव नाडर फाउंडेशन के जिला समन्वयक दिवेश प्रताप सिंह के निर्देशन में, डायट प्रवक्ता जीव विज्ञान, ओंकार चौधरी और जिला समन्वयक ने डायट प्रशिक्षुओं को सर्वेक्षण और प्रशिक्षण दिया। इस प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षुओं को शिक्षा के विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझने का अवसर मिला, जो भविष्य में बच्चों के शिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इस पहल के तहत शिव नाडर फाउंडेशन ने वर्कबुक पेपर उपलब्ध कराए, जिनके आधार पर बच्चों की शैक्षणिक समझ का आंकलन किया गया। वर्कबुक आधारित यह असेसमेंट बच्चों के लिए भाषा, गणित, और अंग्रेजी जैसे विषयों में एक मजबूत आधार बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

बेस लाइन असेसमेंट और बच्चों की शिक्षा की दिशा में नवाचार

इस बेस लाइन असेसमेंट के माध्यम से यह समझने का प्रयास किया गया कि बच्चों की लिखने और पढ़ने की क्षमता कितनी विकसित हुई है। शिव नाडर फाउंडेशन द्वारा दिए गए वर्कबुक और इस पूरी गतिविधि के सफल आयोजन ने न केवल बच्चों के शिक्षण के स्तर को परखा बल्कि उनके अंदर शिक्षा के प्रति रुचि और समझ को भी बढ़ावा दिया।

एडी बेसिक राम सागर पति त्रिपाठी के निर्देशन और शिव नाडर फाउंडेशन के सहयोग से गोंडा के स्कूलों में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों ने यह सिद्ध कर दिया है कि स्मार्ट क्लास और वर्कबुक आधारित असेसमेंट बच्चों की शिक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम

इस पहल के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा विभाग और शिव नाडर फाउंडेशन दोनों मिलकर बच्चों के शैक्षिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो रही है और अन्य जिलों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।

शिक्षा विभाग और शिव नाडर फाउंडेशन का यह प्रयास न केवल बच्चों के सीखने के अनुभव को बेहतर बना रहा है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी समावेशन के माध्यम से भविष्य की पीढ़ी को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस प्रयास के लिए शिव नाडर फाउंडेशन के जिला समन्वयक दिवेश प्रताप सिंह और डायट प्रवक्ता ओंकार चौधरी की सराहना की जानी चाहिए, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण पहल को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया।

 

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