मनमानी बरतने के मामले में आरएफसी सरयू प्रसाद अंततः निलंबित
शासन ने इसके पहले आरएफसी सरयू प्रसाद का पावर सीज कर DM Neha Sharma को दिया है आरएफसी का चार्ज
खाद्य आयुक्त ने की आरएफसी सरयू प्रसाद पर कारवाई
बस्ती मंडल में भी आरोपों से घिर गए थे आरएफसी
31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं आरएफसी सरयू प्रसाद
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News ::

परिवहन हैण्डलिंग कार्य के ठेका आवंटन प्रक्रिया में मनमानी बरतना संभागीय खाद्य नियंत्रक सरयू प्रसाद को भारी पड़ गया है। अभी तीन दिन पहले जहां शासन ने उन पर पावर सीज करने की कार्रवाई की थी वहीं अब उन्हें निलंबित कर दिया गया है। प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने निलम्बन आदेश जारी कर दिया है। निलम्बन के दौरान आरएफसी सरयू प्रसाद खाद्य आयुक्त कार्यालय से संबद्ध रहेंगे।
देवीपाटन मंडल संभागीय खाय नियंत्रक सरयू प्रसाद सिंगल स्टेज डोर स्टेप डिलीवरी परिवहन व्यवस्था अन्तर्गत देवीपाटन मण्डल में तकनीकी बिडों का सम्यक परीक्षण न करने, टेण्डर की शर्तों एवं मुख्यालय स्तर से निर्गत निर्देशों की अवहेलना करने आदि आरोपों के सम्बन्ध में अनुशासनिक कार्यवाही प्रस्तावित गतिमान है। सरयू प्रसाद निलम्बन अवधि में आयुक्त, खाद्य एवं रसद कार्यालय (मुख्यालय) पर सम्बद्ध रहेंगे।
*18 जून को हुआ था पावर सीज*
संभागीय खाद्य नियंत्रक सरयू प्रसाद का पावर सीज कर दिया गया था। खाद्य आयुक्त ने ये कार्रवाई की थी। नियमों को ताक पर रखकर किए कुछ कार्य खाद्य आयुक्त को नागवार गुजरे थे जिसपर उन्होंने आरएफसी सरयू प्रसाद से चार्ज छीनकर गोंडा जनपद की जिलाधिकारी नेहा शर्मा को दे दिया है। अब मंडल के चारो जिले का फूड कंट्रोल DM Neha Sharma कर रही हैं।
आरएफसी सरयू प्रसाद पर ये कार्रवाई तब हुई है कि जब उनके रिटायर्मेंट को डेढ़ महीने से कम समय बाकी बचे हुए हैं। 31 जुलाई को आरएफसी सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक आरएफसी के कामकाज को लेकर शिकायत खाद्य आयुक्त के समक्ष पहुंची थी। शिकायतकर्ताओं ने शासन में भी शिकायत की थी। सूत्र बताते हैं कि आरएफसी ने खुद निहित वीटो पावर को लगाते हुए पीड़ित पक्ष की फाइल को रद्द कर दिया था।
*बस्ती मंडल में भी आरोपों से घिर गए थे आरएफसी सरयू प्रसाद*
संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी ) सरयू प्रसाद के खिलाफ बस्ती मंडल के तीनों जिलों के क्षेत्रीय विपणन अधिकारियों एवं विपणन निरीक्षकों ने मोर्चा खोल दिया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए मंडलायुक्त गोविन्द राजू एनएस ने जांच के कमेटी गठित की थी। अपर आयुक्त गोरेलाल शुक्ल की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष विपणन निरीक्षकों ने बयान दर्ज कराए थे। जांच समिति में एडी पेंशन और बस्ती के एडीएम बतौर सदस्य शामिल किए गए थे। जांच समिति के समक्ष विपणन निरीक्षकों और अधिकारियों को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप आरएफसी पर लगा था। निरीक्षकों ने टीम भावना समाप्त होने इसका असर गेहूं खरीद के साथ खाद्यान्न वितरण प्रणाली पर पड़ने का आरोप मढ़ा था। जांच समिति के समक्ष जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी गोरखनाथ तिवारी के साथ यूपी फूड एंड सिविल सप्लाइज के पदाधिकारियों तथा मिलर एसोसिएशन के पदाधिकारी भी पेश हुए थे।

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